अस्पतालों में बड़ी संख्या में पहुंच रहे डेंगू-चिकनगुनिया के संदिग्ध मरीज

देहरादून: गर्मी बढ़ने के साथ दून में मच्छर भी सक्रिय हो गए हैं। वहीं, अस्पतालों में भी डेंगू-चिकनगुनिया के संदिग्ध मरीज बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। हालांकि, अभी तक डेंगू की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन वेक्टर जनित रोग के मरीज आने लगे हैं। ऐसे में सिस्टम की सुस्ती इस बार भी भारी पड़ सकती है।

नगर निगम की ओर से समय पर एहतियाती कदम उठाते हुए शहर में बीते एक अप्रैल से फागिंग शुरू किए जाने का दावा किया जा रहा है। हालांकि, अभी तक न तो निगम की फागिंग नजर आई है और न ही कहीं लार्वीसाइड का छिड़काव दिख रहा है। जबकि, गर्मी बढ़ने के साथ ही मच्छर सक्रिय हो गए हैं और गली-मोहल्लों में अभी से मच्छर परेशान कर रहे हैं।

नगर आयुक्त की ओर से दो सप्ताह पूर्व ही स्वास्थ्य अनुभाग को डेंगू की रोकथाम के लिए सभी प्रभावी कदम उठाने और वर्षाकाल में लार्वा न पनपने देने के निर्देश दे दिए थे। जिसके बाद नगर निगम का दावा है कि एक अप्रैल से सघन आबादी क्षेत्रों में फागिंग शुरू भी कर दी गई। सफाई सुपरवाइजरों को वार्डवार फागिंग की जिम्मेदारी दी गई है।

धरातल पर नजर नहीं आ रहे निगम के दावे

साथ ही अनुबंधित कंपनी से समय पर सभी संसाधन उपलब्ध कराने को कहा गया है। फागिंग मशीनें भी रिपेयर करा दी गई हैं। हालांकि, निगम के दावे धरातल पर नजर नहीं आ रहे हैं।

जबकि, बीते वर्ष नगर निगम की ओर से जून में फागिंग शुरू की गई थी, तब जुलाई में बड़ी संख्या में डेंगू के मामले आने लगे थे और अगस्त-सितंबर में स्थिति बेहद गंभीर हो गई थी। नगर निगम में इन दिनों कई वार्डों से फागिंग व लार्वीसाइड का छिड़काव न होने की शिकायत मिल रही हैं।

कालोनियों में नालियों की सफाई पर भी ध्यान नहीं

देहरादून: शहर के गली-मोहल्लों में छोटी-बड़ी नालियां गंदे पानी से अटी पड़ीं हैं और कोई सुधलेवा नहीं। क्षेत्रवासी नगर निगम को लगातार शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कोई निगम की नींद अभी नहीं टूट रही है। शहर की ज्यादातर घनी कालोनियों में सफाई व्यवस्था पटरी से उतरी हुई है।

नालियों में पानी और कूड़ा जमा है। गर्मी बढ़ने के साथ ही नालियों से उठ रही दुर्गंध से लोग परेशान हैं और मच्छर भी फैल रहे हैं। कई कालोनियों से निगम को चोक नालियां खोलने और सफाई करने की शिकायतें मिल रही हैं। छोटी-बड़ी नालियों की सफाई न होने से घरों के आसपास तेजी से मच्छर पनप रहे हैं।

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