हमारे एक वोट की कीमत और उसकी ताकत का अहसास कराता है ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’: भावना पांडे

देहरादून। प्रसिद्ध समाजसेवी, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी एवँ जनता कैबिनेट पार्टी की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ के अवसर पर समस्त देशवासियों को शुभकामनाएं दी एवँ सभी बालिग व्यक्तियों से अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए चुनाव में मतदान करने की अपील की।

अपने सन्देश में जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने कहा कि राष्ट्रीय मतदाता दिवस भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए ख़ास होता हैं क्योंकि इस दिन भारत में निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने हेतु भारत निर्वाचन आयोग का गठन हुआ था और हमे देश के भविष्य को उज्जवल बनाने का अधिकार मिला था।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस के बारे में और अधिक जानकारी देते हुए जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने कहा कि ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ को भारत में एक पर्व के रूप में मनाने की शुरुआत 2011 में हुई और प्रत्येक वर्ष 25 जनवरी को National Voters Day के रूप में मनाया जाने लगा।

इस खास पर्व के लिए 25 जनवरी का ही दिन ही क्यों चुना गया इस बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि 25 जनवरी 1950 को ही भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग का गठन गठन हुआ था। ठीक उसी के दूसरे दिन 26 जनवरी 1950 को भारत एक गणतांत्रिक देश बना और 1950 को भारत सरकार ने अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया था।

जेसीपी मुखिया भावना पांडे ने आगे कहा कि राष्ट्रीय मतदाता दिवस का आयोजन भारत के प्रत्येक नागरिक को राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य को निभाने की याद दिलाता है और हमें हमारे एक वोट की कीमत और उसकी ताकत का अहसास कराता है।

उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा किया गया एक वोट देश को विकास की ओर ले जा सकता हैं। हम अपने एक वोट से सरकारें बदल सकते हैं। अपने एक वोट से हम योग्य प्रतिनिधि को चुन सकते हैं एवँ एक अयोग्य व्यक्ति को सत्ता में आने से रोक सकते हैं।

वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ हमें जागरूक करने के लिए मनाया जाता हैं ताकि हम अपने मताधिकार का प्रयोग बहुत सोच समझकर करें और एक अच्छी व जनहित में कार्य करने वाली सरकार बन सके। जिससे सम्पूर्ण देश व प्रदेश का विकास हो और प्रत्येक व्यक्ति खुशहाल हो।

उन्होंने जनता से आह्वान करते हुए कहा कि इस ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ के अवसर पर हम शपथ लें कि हम जात-पात, धर्म-मजहब, नस्ल, भाषा व क्षेत्र से ऊपर उठकर अपने विवेक का प्रयोग करते हुए अपना मतदान स्वतंत्र होकर समाज व देशहित में कार्य करने वाले प्रतिनिधि को करेंगे। ताकि हमें एक अच्छी सरकार मिल सके।

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