राज्य में संक्रमण की दर तेजी से बढऩे को लेकर खलबली मची हुई है। पूरे प्रदेश के पहले ऑरेंज जोन में आने और फिर नैनीताल जिला रेड जोन होने के बाद आमजन की दिक्कतें बढ़ गई हैं। इलाज व सुविधाओं से वंचित पर्वतीय जिलों में मैदानी जिलों से अधिक संक्रमण दर पहुंच गई है। एक जून तक आए मामलों के आधार पर टिहरी में संक्रमण दर सबसे अधिक 11.99 फीसद है। इसके बाद अल्मोड़ा व नैनीताल जिला है। सोशल डेवलमेंट फॉर कम्यूनिटी फाउंडेशन ने अध्ययन कर बताया है कि सैंपलिंग की दर अगर नहीं बढ़ी तो असमंजस की स्थिति बनी रहेगी। लोग परेशान होंगे।
प्रवासियों की संख्या पहुंची 1.80 लाख से अधिक
प्रदेश में प्रवासियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब तक प्रदेश में एक लाख 80 हजार प्रवासी पहुंच चुके हैं। जहां पहले इन प्रवासियों की दो-दो बार जांच होने बात की जा रही थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। पूरे पर्वतीय जिलों में पहुंच गए प्रवासी जांच के बाद कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं।
यह है प्रदेश में संक्रमण दर
जिला कुल टेस्ट केस संक्रमण दर
अल्मोड़ा 775 63 8.13
बागेश्वर 240 16 6.67
चम्पावत 352 27 7.67
नैनीताल 3236 260 8.03
पिथौरागढ़ 460 21 4.57
यूए नगर 3733 82 2.20
पौड़ी 529 34 6.43
हरिद्वार 3129 76 2.43
देहरादून 9985 233 2.33
चमोली 311 13 4.18
रुद्रप्रयाग 377 6 1.59
टिहरी 642 77 11.99
उत्तरकाशी 560 21 3.75
अस्पताल से छुट्टी मिलने पर खिले कोरोना पॉजिटिव मरीजों के चेहरे
कोरोना को मात देकर अस्पताल से डिस्चार्ज होने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ रही है। सोमवार को ही एसटीएच से कुमाऊं भर के 41 मरीज डिस्चार्ज किए गए। सभी को सात दिन के लिए होम क्वारंटाइन रहने की सलाह दी गई है। वहीं अस्पताल से छुट्टी मिलते ही मरीजों के चेहरे खिल उठे। उन्होंने डॉक्टरों का धन्यवाद किया।
कुल 169 पॉजीटिव डिस्चार्ज
राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा ने बताया कि डिस्चार्ज होने वालों में बागेश्वर जिले तीन, अल्मोड़ा के तीन, ऊधमसिंह नगर के पांच, नैनीताल के 26 व चार मरीज पिथौरागढ़ के शामिल हैं। इनकी उम्र 16 वर्ष से 52 की है। अभी तक कुल 169 पॉजीटिव रोगी स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किये जा चुके हैं।
एसटीएच में 48 पॉजिटिव भर्ती
डिस्चार्ज होने पर मरीजों ने अस्पताल प्रबंधन का धन्यवाद किया। वहीं अस्पताल में इस समय कोरोना पॉजिटिव 48 रोगी भर्ती हैं। इस दौरान चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अरूण जोशी, कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉ. परमजीत सिंह, डॉ. विवेकानंद सत्यवल, स्टाफ नर्सेज बार्ड बॉय आदि मौजूद थे।
संदिग्ध रोगियों को जांच निगेटिव आने पर क्वारंटाइन
प्राचार्य डॉ. भैसोड़ा ने कहा कि चिकित्सालय में कोरोना के संदिग्ध रोगी भी जांच व इलाज के लिए भर्ती हो रहे हैं। ऐसे संदिग्ध रोगियों को कोरोना जॉच निगेटिव आने के बाद होम क्वारंटाइन की सलाह दी जा रही है।