वकीलों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए किया सचिवालय कूच

पुरानी जेल परिसर में चैंबर के लिए प्रस्तावित जमीन आवंटन में हो रही देरी और सरकार पर अधिवक्ता हितों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए अधिवक्ताओं ने सचिवालय कूच किया। पुलिस ने पीएचक्यू के पास की गई बेरिकेडिंग पर उन्हें रोक दिया। जहां वकीलों ने सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा।

वकीलों के उग्र प्रदर्शन की संभावना को देखते हुए परेड ग्राउंड से सचिवालय तक के क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। सचिवालय में जाने से रोके जाने से नाराज अधिवक्ता बेरिकेडिंग पर ही रुककर नारेबाजी करने लगे। इस पर एसपी सिटी श्वेता चौबे ने उन्हें वहीं पर ज्ञापन देने को कहा तो बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल ने कहा कि वह कैबिनेट मंत्री स्तर के व्यक्ति को ही ज्ञापन देंगे।

अध्यक्ष ने कहा कि यदि उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो वह आने वाले दिनों में पूरे प्रदेश में आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं की कई मांगें लंबे समय से लंबित हैं। पुरानी जेल परिसर में निर्माणाधीन न्यायालय भवन के पास चैंबर के लिए जमीन देने की घोषणा करते हुए 16 फरवरी 2018 को शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने भूमि पूजन किया था। परिसर में लगा शिलापट इसका गवाह है, लेकिन आज तक जमीन आवंटित नहीं की गई।

उन्होंने कहा कि बार एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल इस संबंध में कई बार मुख्यमंत्री और अधिकारियों से मिल चुका है। राज्य आदोलन में भी अधिवक्ताओं की बड़ी भूमिका रही, लेकिन आज भी वह हाशिये पर हैं। हमारी माग है कि अन्य राज्यों की तरह उत्तराखंड में भी एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए। अधिवक्ताओं के लिए कल्याण कोष की स्थापना हो।

नौ नवंबर 2000 से पूर्व के अधिवक्ताओं को राज्य आदोलनकारी घोषित किए जाने की भी मांग भी उन्होंने उठाई। इस दौरान पूर्व सांसद व बार काउंसिल के सदस्य महेंद्र पाल, बार काउंसिल के सदस्य सुरेंद्र पुंडीर, राकेश गुप्ता, बार एसोसिएशन के सचिव अनिल शर्मा, सुनीता प्रकाश, मधु ठाकुर, प्रवीन रावत, कमल यादव के अलावा कोटद्वार और हल्द्वानी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारी भी शामिल हुए।

पार्षद के भाई को वकीलों ने पीटा 

सचिवालय कूच के दौरान बाइक सवार युवक ने एक वकील से बदसलूकी कर दी। इस पर आसपास खड़े वकीलों ने युवक को पीट दिया। हंगामा होता देख कोतवाल एसएस नेगी मौके पर पहुंचे और किसी तरह युवक को मुक्त कराया। युवक शहर के एक पार्षद का भाई बताया जा रहा है। एसएसआइ कोतवाली ने बताया कि मामले में किसी की ओर से तहरीर नहीं मिली है।

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