राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आधुनिकीकरण के कारण आज समाज की अपेक्षाएं तेजी से बढ़ रही हैं। विद्यार्थियों पर परीक्षाओं में सफल ही नहीं अच्छे ग्रेड से सफल होने का निरन्तर दवाब रहता है। आज शिक्षा में नवाचार सम्मिलित किये जा रहे हैं। मेरी प्रदेश के शिक्षकों से अपील है कि विद्यार्थियों को विषय ज्ञान देने के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान, वैज्ञानिक ज्ञान व दृष्टिकोण विकसित करने में सहायता करें। समय की मांग है कि व्यक्ति मात्र शिक्षित ही न हो अपितु दक्ष भी हो। राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री जी द्वारा भी स्किल इंडिया पर बल दिया जा रहा है। हमारे नौजवान यदि दक्ष होंगे तो समाज की उत्पादकता स्वतः ही बढ़ जाएगी। वे नए-नए उत्पादो पर शोध करेंगे तथा नए-नए उद्यम लगाएंगे व देश की प्रगति में तेजी से अपना योगदान देंगे। गांधी जी द्वारा शिक्षा के साथ-साथ कार्यानुभव को भी बहुत महत्व दिया गया था। प्रदेश में व्यवसायिक शिक्षा को विद्यालयी शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिये। अधिकाधिक विद्यालयों को व्यवसायिक शिक्षा से जोड़ने की भी आज जरूरत है।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि प्रदेश की श्रेष्ठ अकादमिक संस्थाओं से भी अनुरोध है कि वे सूचना तकनीक का प्रयोग बच्चों को अधिक जानकारी देने व उनकी जिज्ञासा को दूर करने के लिये करें। इन्टरनेट, नाॅलेज कमीशन, आॅनलाइन सुविधाओं का भी भरपूर सहयोग लिया जाय। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की भी आवश्यकता है। शिक्षा की गुणवत्ता के लिये शिक्षक-प्रशिक्षण, गुणवत्ता अनुश्रवण एवं अनुकूल पर्यावरण की व्यवस्था की जाय। अकादमिक संस्थाओं को बाल केन्द्रित शैक्षिक वातावरण एवं आधुनिकतम शैक्षिक तकनीकी के उपयोग हेतु मार्गदर्शन प्रदान करना होगा। शिक्षा व विकास एक ही सिक्के के दो पहलू है। इसमें हमें संस्कार का एक तीसरा आयाम भी डालना होगा। संस्कारित नौजवान हमारे समाज को बदलने में अहम भूमिका निभाएंगे। देश में स्वच्छ भारत अभियान आज संचालित हो रहा है। बच्चों में स्वच्छता की आदतें विकसित करनी होगी। स्वच्छता का स्वास्थ्य से सीधा सम्बन्ध है। स्वच्छ भारत ही स्वस्थ भारत बना सकता है। शिक्षकों और अभिभावकों का विशेष दायित्व है कि बच्चों की अभिरूचि को पहचाने व उनकों मजबूती से उभारे। जो छात्र अकादमिक रूप से बेहतर नहीं है व वे बेहतर खिलाड़ी, बेहतर कलाकार हो सकते है, उनकी इस प्रतिभा को भी निखारने का काम शिक्षकों का ही है। बच्चों की सफलता के पीछे अभिभावकों का त्याग व शिक्षकों की मेहनत जुड़ी होती है। अटल टिंकरिंग लैब राज्य के सभी स्कूलों में खोली जाए। हमें ध्यान देना होगा कि शिक्षा के माध्यम से बच्चे अपनी मौलिक रचनात्मकता का विकास कर सकें। बच्चों में वैज्ञानिक सोच व कौशल विकास को भी प्रोत्साहित करना आज के समय की मांग है। राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने गुरूवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर राजभवन में राज्य के उत्कृष्ट शिक्षकों को ‘‘गवर्नर्स टीचर्स अवार्ड 2019’’ से सम्मानित किया।
पूर्व राष्ट्रपति डाॅ0 एस0 राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि डाॅ0 राधाकृष्णन शिक्षकों को भविष्य का शिल्पकार मानते थे। उनका मानना था कि सभी बुराईयों का अन्त शिक्षा के प्रसार से ही हो सकता है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा कार्य हो रहा है। सरकार का प्रयास है कि शिक्षा में सुधार हेतु सरकारी तंत्र के साथ सामाजिक सहयोग लिया जाय। राज्य सरकार ‘‘देश को जानों’’ योजना आरम्भ करने जा रही है जिसके तहत 25 उत्कृष्ट छात्र-छात्राओं को एक सप्ताह तक भारत-भ्रमण करवाया जायेगा। राज्य सरकार छः करोड़ की लागत से एक अत्याधुनिक आवासीय विद्यालय बनाने जा रहा है जिसमें निर्धन मेधावी बच्चों के लिये खोला जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को सामूहिक दायित्व की ओर प्रोत्साहित करना होगा।
विद्यालयी शिक्षा मंत्री श्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि शिक्षक शिक्षा के माध्यम से बहुत से सामाजिक बुराइयों को दूर कर सकता है। शिक्षकों की देश व समाज निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका है।
इस अवसर पर सचिव श्री राज्यपाल श्री रमेश कुमार सुंधाशु ने कहा कि सरकारी स्कूलों का शिक्षा में अहम योगदान है। उन्हें कम करके नही ंआंका जाना चाहिये। सरकारी स्कूलों से बहुत से प्रतिभावान लोग समाज में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने माध्यमिक शिक्षा के अन्तर्गत ‘गवर्नर्स टीचर्स अवार्ड 2019’ से रा0बा0इ0का0स्याल्दे, अल्मोड़ा से श्रीमती गीता रानी, प्रवक्ता, रा0इ0का0सिरकोट, गरूड़, बागेश्वर से श्री पूरन सिंह, प्रवक्ता, रा0इ0का0पाण्डुकेश्वर, जोशीमठ, चमोली से श्री नरेन्द्र कुमार बहुगुणा, प्रवक्ता, रा0इ0का0मडलक, चम्पावत से श्री दयाकृष्ण जोशी, स0अ0, रा0इ0का0क्वानू, देहरादून से श्री संजय कुमार, प्रवक्ता, रा0क0उ0मा0वि0 मानकचैक मंगलौर, हरिद्वार से श्रीमती पुष्पांजली अग्रवाल, स0अ0, रा0आ0इ0का0 कोटाबाग, नैनीताल से डाॅ0 भवतोष भट्ट, प्रवक्ता, रा0क0इ0का0श्रीनगर, पौड़ी गढ़वाल से श्रीमती सरिता उनियाल, प्रवक्ता, रा0इ0का0थरकोट, विण, पिथौरागढ़ से श्री भाष्करानन्द जोशी, प्रवक्ता, रा0इ0का0क्यंूजा, रूद्रप्रयाग से श्री विजय बैरवाण, प्रवक्ता, रा0इ0का0मंजाकोट चैरास, टिहरी गढ़वाल से डाॅ0 अशोक बड़ोनी, प्रवक्ता, रा0इ0का0बौन पंजियाला, उत्तरकाशी से श्री दिवाकर प्रसाद पैन्यूली, प्रवक्ता, रा0उ0मा0वि0मोहम्मदपुर भुडिया,ऊ0सिं0नगर से श्री प्रकाश चन्द्र पाठक, स0अ0 को सम्मानित किया।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने प्रारम्भिक शिक्षा के अन्तर्गत ‘गवर्नर्स टीचर्स अवार्ड 2019’ से रा0आ0जू0हा0महतगांव अल्मोड़ा से श्री पंकज कुमार पंत, स0अ0, रा0क0जू0हा0गन्यूड़ा,गरूड़, बागेश्वर से श्रीमती निर्मला आर्या, स0अ0, रा0प्रा0वि0निजमूला,दशोली, जोशीमठ, चमोली से श्रीमती सुमित्रा फरस्वाण, प्र0अ0, रा0प्रा0वि0 गड्यूड़ा नवीन पाटी, चम्पावत से श्री शंकर सिंह अधिकारी, स0अ0, रा0 प्रा0वि0पौंधा,सहसपुर, देहरादून से श्रीमती अर्चना नौटियाल, स0अ0, रा0उ0प्रा0वि0 तल्ली पाली, नैनीताल से श्री गणेश दत्त, स0अ0, रा0पू0मा0वि0मुस्याखांद, नैनीडांडा, पौड़ी गढ़वाल से श्री गबर सिंह, स0अ0, रा0प्रा0वि0सलकोट, विण, पिथौरागढ़ से अजरा जुनैद, प्र0अ0, रा0प्रा0वि0 बैनोली, रूद्रप्रयाग से श्रीमती अंजू लिंगवाल, प्र0अ0, रा0प्रा0वि0नागराजाधार कड़ाकोट, टिहरी गढ़वाल से गीता कठैत, प्र0अ0, रा0उ0प्रा0वि0 सुनाली, पुरोला, उत्तरकाशी से श्री चन्द्रभूषण बिजल्वाण, स0अ0, रा0प्रा0वि0जसपुर खुर्द, काशीपुर, ऊ0सि0नगर से श्रीमती नमिता पंत, स0अ0 को सम्मानित किया।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने संस्कृत विद्यालयों के अन्तर्गत ‘गवर्नर्स टीचर्स अवार्ड 2019’ से श्री रघुनाथ कीर्ति आदर्श संस्कृत महाविद्यालय, देवप्रयाग, पौडी से डाॅ0 शैलेन्द्र नारायण कोटियाल, श्री वेद संस्कृत महाविद्यालय ़ऋषिकेश, देहरादून से श्री कृष्ण प्रसाद उनियाल, श्री सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय, रेलवे बाजार हल्द्वानी नैनीताल से डाॅ0 नवीन चन्द्र बेजवाल, राजकीय संस्कृत विद्यालय, सौडू, टिहरी गढ़वाल से श्री पंकज कुमार, श्री गरीबदासीय साधु संस्कृत महाविद्यालय, जगजीतपुर कनखल, हरिद्वार से डाॅ0 गोपाल राम को सम्मानित किया।
इस अवसर पर सचिव विद्यालयी शिक्षा श्री मीनाक्षी सुन्दरम, शिक्षा विभाग के अधिकारी, शिक्षक व छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।