प्रदेश में नौजवानों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दो नशा मुक्ति केंद्र खोलने की घोषणा की है। ये केंद्र सरकारी की निगरानी में चलेंगे। वर्तमान में हर जिले में बड़ी संख्या में नशा मुक्ति केंद्र तो खुले हुए हैं, लेकिन इनका नियंत्रण अभी किसी भी विभाग के पास नहीं हैं। मनमाने ढंग से खोले गए नशा मुक्ति केंद्रों में मारपीट, दुष्कर्म व नशे के साधनों की आपूर्ति जैसी घटनाएं बढ़ी हैं।
पिछले तीन महीनों की ही बात करें तो राजधानी दून के एक नशा मुक्ति केंद्र में युवती के साथ दुष्कर्म व एक नशा मुक्ति केंद्र में युवक की मौत का मामला सामने आ चुका है। वहीं, कई नशा मुक्ति केंद्र ऐसे हैं, जहां पर नशा छोड़ने के लिए आने वाले युवक-युवतियों के साथ गलत व्यवहार किया किया गया। जिसके कारण वह अपनी जान जोखिम में डालकर केंद्र से ही फरार होने को विवश हो गए।
अधिकतर नशा मुक्ति केंद्र नियमों का पालन नहीं करते, लेकिन इसके बावजूद इन पर कोई भी विभाग शिकंजा नहीं कस पा रहा है। पुलिस, जिला प्रशासन, समाज कल्याण विभाग और स्वास्थ्य विभाग केंद्रों की जिम्मेदारी अब तक एक दूसरे पर डाल रहे हैं। अब मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप सरकारी स्तर पर देहरादून व हल्द्वानी में खोले जाने वाले नशा मुक्ति केंद्र पूरी तरह सरकार के नियंत्रण में रहेंगे। इनके माध्यम से नशा मुक्ति केंद्रों की गाइडलाइन भी स्पष्ट हो पाएगी और निजी नशामुक्ति केंद्रों के लिए भी मानक तय हो पाएंगे।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न कार्यों को 293 करोड़ रुपये किए स्वीकृत
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न विकास कार्यों के लिए 57 करोड़ रुपये की हेतु वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है। इसके अलावा उन्होंने सभी नगर निकायों को चतुर्थ त्रैमासिक किस्त के रूप में 146 करोड़ और पंचायतीराज संस्थाओं के लिए 90.24 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र डीडीहाट, श्रीनगर, नानकमत्ता, लैंसडौन, चंपावत, लक्सर, टिहरी, सल्ट, खटीमा, सोमेश्वर, घनसाली, रानीपुर, गंगोलीहाट, बागेश्वर, सहसपुर, कपकोट में सड़कों समेत निर्माण कार्यों के लिए वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। इसके अलावा उन्होंने केन्द्रीय सड़क अवसंरचना, स्पेशल कंपोनेंट प्लान के अंतर्गत भी मोटर मार्ग निर्माण को मंजूरी प्रदान की है।