मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पदभार संभालने के बाद पहली बार विधानसभा पहुंचे

देहरादून: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पदभार संभालने के बाद पहली बार गुरुवार को विधानसभा पहुंचे तो ढाई माह में पहली दफा उनमें आत्मविश्वास व उत्साह का अलग ही पुट नजर आया। सल्ट उपचुनाव में कामयाबी का पहला सियासी मोर्चा फतह करने के बाद ही उन्होंने विधानसभा स्थित अपने कार्यालय में हवन व पूजा-अर्चना कर सरकारी कामकाज प्रारंभ किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की जनता चहुंमुखी विकास चाहती है। सरकार इस अपेक्षा पर खरा उतरेगी।

मुख्यमंत्री पदभार संभालने के ढाई महीने बाद तीरथ सिंह रावत विधानसभा में दाखिल हुए। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अभी विधानसभा के सदस्य नहीं हैं। बीती 10 मार्च को पौड़ी गढ़वाल सीट से सांसद तीरथ सिंह रावत ने राज्य के मुख्यमंत्री का पदभार संभाला था। प्रदेश में तेजी से बदले सियासी घटनाक्रम के बीच अहम जिम्मेदारी मिलने के तुरंत बाद ही उन्हें पहले हरिद्वार महाकुंभ और फिर कोरोना की दूसरी लहर की विभीषिका से जूझने को मजबूर होना पड़ा। मुख्यमंत्रित्व काल के शुरुआती दौर में ही अल्मोड़ा जिले की सल्ट सीट पर विधानसभा उपचुनाव में मिली कामयाबी तीरथ सिंह रावत की भाव-भंगिमा में साफ बयां हो रही थी। अल्मोड़ा को शामिल कर गैरसैंण कमिश्नरी बनाने की कवायद से उठे सियासी तूफान को भी मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत शांत करने में सफल रहे। सल्ट से नवनिर्वाचित विधायक महेश जीना के शपथ ग्रहण के दिन ही उन्होंने पहली दफा विधानसभा भवन का रुख किया। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के सामने अगली चुनौती उनके खुद विधानसभा पहुंचने की है। हालांकि उनके लिए विधानसभा सीट तय करने की मशक्कत पार्टी में चल रही है।

 कोरोना की तीसरी लहर के लिए तैयार

बाद में मीडिया से बातचीत में उन्होंने इस बात का खासतौर पर उल्लेख किया कि महेश जीना ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की। उन्हें पिछले चुनाव में मिले मतों से काफी ज्यादा मतों के साथ जनता का विश्वास हासिल किया है। सल्ट के विकास में कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 का मुस्तैदी से मुकाबला किया जा रहा है। कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी की गई है।

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