उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम करवट बदलने लगा है। दून और मसूरी में बादल छाये रहने और हल्की बारिश की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र ने ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना जताई है। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के साथ ही उच्च हिमालय में रुक-रुककर हिमपात हुआ। वहीं निचले इलाकों में दिनभर बादल छाए रहे।
मौसम विभाग के अनुसार उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में भारी बर्फबारी के आसार हैं। उधर, प्रदेश में मौसम की दुश्वारियों से अभी निजात नहीं मिली है। सौ से ज्यादा गांवों में बिजली की आपूर्ति अब भी बहाल नहीं हो पाई है। इसके अलावा करीब डेढ़ सौ गांव अब जिला मुख्यालयों से कटे हैं और डेढ़ दर्जन सड़कों पर आवागमन बाधित है।
दूसरी ओर कुमाऊं के ज्यादातर इलाकों में मौसम साफ रहा। बर्फबारी के बाद बंद हुए थल मुनस्यारी, तवाघाट-नारायण आश्रम और मदकोट-बौना मार्ग पांचवें दिन भी नहीं खुल सके। मुनस्यारी नगर में बिजली बहाल हुई, लेकिन 60 गांव अब भी बिजली से वंचित हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक, प्रदेश के निचले क्षेत्रों में बारिश जबकि 25 सौ मीटर से अधिक ऊंचाई वाले पर्वतीय क्षेत्रों में हिमपात होने की संभावना है। मौसम बदलने से प्रदेश में फिर से अधिकतम पारे में तीन से चार डिग्री सेल्सियस की कमी आ सकती है।
चार धाम में हिमपात, निचले इलाकों में बादल
उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम करवट बदलने लगा है। सुबह बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के साथ ही उच्च हिमालय में रुक-रुक कर हिमपात हुआ। वहीं निचले इलाकों में दिनभर बादल छाए रहे। मौसम विभाग के अनुसार उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में भारी बर्फबारी के आसार हैं।
प्रदेश में मौसम की दुश्वारियों से अभी निजात नहीं मिली है। सौ से ज्यादा गांवों में बिजली की आपूर्ति अब भी बहाल नहीं हो पाई है। इसके अलावा करीब डेढ़ सौ गांव अब जिला मुख्यालयों से कटे हैं और डेढ़ दर्जन सड़कों पर आवागमन बाधित है। दूसरी ओर कुमाऊं के ज्यादातर इलाकों में मौसम साफ रहा। बर्फबारी के बाद बंद हुए थल मुनस्यारी, तवाघाट- नारायण आश्रम और मदकोट-बौना मार्ग पांचवें दिन भी नहीं खुल सके। मुनस्यारी नगर में बिजली बहाल हुई, लेकिन 60 गांव अब भी बिजली से वंचित हैं।
पाला जमने से फिसल रहे लोग, लगायी जेसीबी
बर्फबारी पर्यटकों के लिए मौज व स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गयी है। पाला जमने से पत्थर बनी बर्फ पर फिसल रहे वाहनों व लोगों को देखते हुए छावनी परिषद ने जेसीबी लगवाकर रोड से बर्फ हटाने का काम शुरू कर दिया है। चटख धूप खिलने से मौसम में कुछ तो गर्मी आयी, लेकिन सांझ ढलते ही ठंडी हवा ने बेहाल कर दिया।
बर्फबारी के कारण ऊंचे इलाकों लोखंडी, खडंबा, बुधेर, मोइला टाप में एक सप्ताह बाद भी जनजीवन पटरी पर नहीं है। दर्जनों गांवों के ग्रामीणों को यातायात, विधुत व पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। चकराता बाजार से लेकर ऊंचाई वाले इलाकों में बसे ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। छावनी बाजार में लोगों के घरों की छतों से बर्फ गिरने के बाद सड़क पर बर्फ के बड़े बड़े ढेर लग गए।
बर्फ पर लोगों के फिसलने की स्थिति देख छावनी परिषद ने जेसीबी लगाकर बर्फ को साफ कराया। वहीं इन दिनों बर्फ के पिघलने के कारण क्षेत्र में भीषण शीतलहर का भी प्रकोप है। विद्युत आपूर्ति भी अभी तक कई गांवों में नहीं हुई। जहां कहीं हुई भी वहां लो वोल्टेज की समस्या आ रही है। फाल्ट को ऊर्जा निगम कर्मचारी दूर करने में लगे रहे। निगम के एसडीओ अशोक कुमार के अनुसार कर्मी लगातार काम कर रहे हैं, जल्द ही बिजली आपूर्ति सुचारू करा दी जाएगी। उधर, तहसीलदार चकराता केएस नेगी ने पर्यटकों से अपील की कि ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में न जाएं, क्योंकि पाला जमने से बर्फ पर फिसलन बढ़ गयी है।
उमड़े पर्यटकों ने रोड को ही बनाया पार्किंग, दिन भर रही जाम की स्थिति
जनवरी के दूसरे सप्ताह में लगातार दो दिन का अवकाश मिला तो पर्यटन की दिशा में बेहतर रहा। चकराता में हुई बर्फबारी को देखने बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे। बढ़ी पर्यटकों की भीड़ के चलते पार्किंग की समस्या हुई। पर्यटकों ने अपने वाहन रोड के किनारे खड़ी कर दी इससे जाम लग गया। हालांकि रेस्तरां और होटल व्यापारियों के चेहरे खिले रहे।
बीते दिनों हुई बर्फबारी के बाद से ही पहाड़ की सौदर्यता देखने के लिए पर्यटकों का चकराता आना जारी है। रविवार को भी बड़ी संख्या में पर्यटक चकराता पहुंचे। सुबह से ही चकराता में पर्यटकों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था। सुबह से ही क्षेत्र के छावनी बाजार, सप्लाई, चिलमिरी, आलू मंडी, ठाणा डांडा आदि जगहों पर लोग बर्फ में खेलते नजर आए। पर्यटकों ने एक दूसरे को बर्फ के गोले मार कर बर्फबारी का मजा लिया।
लोगों ने बर्फ की चादर ओढ़े पहाड़ के सुदर दृश्य को कैमरों में कैद किया और विहंगम नजारे के साथ सेल्फी भी ली। उमड़ी भीड़ के चलते क्षेत्र के रेस्टोरेंट व होटल व्यवसायियों ने खूब लाभ कमाया। कुछ जगहों पर हुई असुविधा पर पर्यटकों ने नाराजगी भी जताया। चकराता कालसी मार्ग, चकराता मसूरी मार्ग, चकराता लाखामंडल मार्ग, चकराता त्यूनी मार्ग पर पर्यटक बर्फबारी का आनंद लेते देखे गए।