पंजाब में भगवंत सरकार 55 दिनों में ही राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर सवालिया निशान लगने शुरू

एक के बाद एक हो रही घटनाएं 55 दिन पहले बनी भगवंत मान सरकार के लिए सिरदर्द बनती जा रही हैं। लंबे समय बाद पहली बार पंजाब पुलिस की कारगुजारी पर सवालिया निशान लगने लगे हैं।

विपक्षी पार्टियां मुख्यमंत्री भगवंत मान निशाना साधाते हुए कह रही हैं कि तेजिंदरपाल सिंह बग्गा जैसे नेताओं पर बदले की कार्रवाई करने के बजाय अमन कानून की बिगड़ रही स्थिति पर मुख्यमंत्री ध्यान दें।

इन घटनाओं से पंजाब के लोग दहशत में हैं। पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से घटनाएं हुई हैं चाहे उनके आपस में जुड़े हुए होने के सुबूत नहीं मिले हैं, लेकिन घटनाओं को देखकर लगता है कि सभी के तार विदेशों में बैठे आतंकी ग्रुपों से जुड़े हुए हैं।

दो दिन पहले ही अभी तरनतारन में दो खालिस्तानी आतंकी आइईडी के साथ पकड़े गए। तरनतारन पुलिस ने गांव नौशहरा पन्नुआं में करीब ढाई किलो आरडीएक्स बरामद करके पंजाब को दहलाने की बड़े षड्ंयंत्र को विफल करने का दावा किया।

आरडीएक्स को इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस के साथ एक खंडहर इमारत में छिपाया गया था। आइईडी के साथ टाइमर, डिटोनेटर, बैटरी और शार्पनेल भी मिले हैं। पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में भी लिया है।

एसएसपी रणजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि जिन दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है, उनके नाम बलजिंदर सिंह उर्फ बिंदू (22) निवासी गांव गुज्जरपुरा (अजनाला, अमृतसर) और जगतार सिंह उर्फ जग्गा (40) निवासी गांव खानोवाल, अजनाला हैं।

इससे पहले फाजिल्का पुलिस की ओर से 300 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद हरियाणा के करनाल पुलिस ने मधुबन थाना क्षेत्र से चार संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आतंकियों में परमिंदर, अमनदीप और गुरप्रीत पंजाब के फिरोजपुर जिले के मक्कू गांव के रहने वाले हैं, जबकि चौथा आतंकी भूपिंदर पटिया बीट लुधियाना का रहने वाला है।

पकड़े गए आतंकी गुरप्रीत और अमनदीप सगे भाई बताए जा रहे हैं। पटियाला में खालिस्तान दिवस मनाने को लेकर दो संगठन आपस में भिड़ गए। दरअसल, एक ग्रुप खालिस्तान दिवस मनाना चाहता था और दूसरा इसका विरोध करने की धमकियां दे रहा था।

दोनों ही ग्रुप घटना से दस दिन पहले तक इंटरनेट मीडिया पर एक दूसरे को चुनौती देते रहे। पुलिस ने इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया, जिसके चलते माहौल खराब हो गया। मालेरकोटला में डिप्टी कमिश्नर के दफ्तर पर खालिस्तान का झंडा फहराना की घटना को भी इसी दृष्टि से देखा जा रहा है। और अब यह मोहाली की घटना।

यह इसलिए भी गंभीर है, क्योंकि पहली बार पुलिस के इंटेलिजेंस विभाग के मुख्यालय पर हमला हुआ है। इन सभी घटनाओं को लेकर जहां विपक्षी पार्टियां चाहे वह कांग्रेस हो या शिरोमणि अकाली दल, भाजपा हो या फिर कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस, सभी ने आम आदमी पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत मान को निशाने पर लिया हुआ है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ इंटरनेट मीडिया पर टिप्पणी करने के मामले में भाजपा के युवा नेता तेजिंदरपाल सिंह बग्गा को जिस तरह से मोहाली पुलिस ने दिल्ली जाकर उठाया, उसने विपक्षी पार्टियों को बैठे बिठाए सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधने का और मसाला दे दिया।

इस मामले में मोहाली पुलिस की इसलिए भी किरकिरी हुई क्योंकि बग्गा को मोहाली ला रही पुलिस पार्टी को हरियाणा पुलिस ने कुरुक्षेत्र में रोक लिया और वहां पर दिल्ली पुलिस भी आ गई और बग्गा को वापिस ले गई। यही नहीं, बग्गा के पिता ने पंजाब पुलिस पर केस भी दर्ज करवाया।

विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने इस हमले को चिंताजनक बताया है। उन्होंने कहा कि दो दिन पहले तरनतारन में आरडीएक्स मिलना और अब मोहाली में इंटेलिजेंस के दफ्तर पर हमला। पंजाब पहले ही काले दिन देख चुका है। हम शांति को भंग होने नहीं दे सकते।

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