देहरादून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सलाहकार भास्कर खुल्बे ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सुझाव दिया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर निर्मित होने वाले स्टेशनों को पर्वतीय शिल्प कला के अनुरूप बनाया जाए। उन्होंने कहा कि इससे पर्वतीय क्षेत्र के शिल्पियों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। शुक्रवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री से भेंट के दौरान उन्होंने यह बात कही। उन्होंने मुख्यमंत्री से केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों तथा बदरीनाथ के सुंदरीकरण से संबंधित मास्टर प्लान पर भी चर्चा की। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के सलाहकार को राज्य से जुड़े विभिन्न विषयों की जानकारी दी।
मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में देहरादून से टिहरी जाने के लिए मसूरी-चंबा-कोटी कालोनी मोटर मार्ग से 105 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है, जिसमें लगभग साढ़े तीन घंटे का समय लगता है। अब एक टनल देहरादून के राजपुर के निकट से प्रस्तावित है, जो टिहरी झील के निकट कोटी कालोनी में समाप्त होगी। टनल की कुल लंबाई लगभग 35 किमी होगी और इसकी अनुमानित लागत 8750 करोड़ रुपये है। कुमाऊं मंडल में एम्स की स्थापना की जरूरत बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए भूमि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा टनकपुर और बागेश्वर के बीच नैरो गेज रेलवे लाइन के सर्वे का आदेश दिया गया है। यह लाइन ब्राडगेज होनी चाहिए। चीन और नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट स्थित होने के कारण यह रेल लाइन सामरिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम सड़क परियोजना के साथ ही ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उत्तराखंड को बड़ी देन है। ऋषिकेश के बाद परियोजना ज्यादातर अंडरग्राउंड है। इस रेल लाइन पर 12 स्टेशन और 17 टनल बनाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी सात अक्टूबर को जौलीग्रांट एयरपोर्ट के नए टॢमनल का लोकार्पण किया जाएगा। हेली समिट के दौरान देहरादून-पंतनगर-पिथौरागढ़-पंतनगर-देहरादून हवाई सेवा का फ्लैग आफ भी किया जाएगा। देहरादून-पिथौरागढ़ हेली सेवा को जल्द स्वीकृति दिए जाने तथा नैनीसैनी हवाई पट्टी के विस्तार की उन्होंने जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि देहरादून-पिथौरागढ़ हेली सेवा शुरू होने से सीमांत क्षेत्र पिथौरागढ़ के विकास के लिए यह मील का पत्थर साबित होगी।
जीएसटी क्षतिपूर्ति देने की अवधि बढ़े
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति दिए जाने की अवधि जून 2022 में समाप्त हो रही है। राज्य की आर्थिक स्थिति की मजबूती के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि को बढ़ाया जाना राज्य हित में है। इस संबंध में आवश्यक सहयोग का अनुरोध मुख्यमंत्री ने किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव डा एसएस संधु, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन, सचिव दिलीप जावलकर, विशेष सचिव मुख्यमंत्री डा पराग मधुकर धकाते, प्रधानमंत्री कार्यालय के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल उपस्थित थे।