देश में जानलेवा कोरोना वायरस के बढ़ते कदम रोकने के लिए प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आगरा में जो मॉडल अपनाया, उसकी खूब प्रशंसा हो रही है। योगी मॉडल के नाम से रविवार को यह ट्विटर पर टॉप ट्रेंड करता रहा। प्रदेश सरकार का हॉट स्पॉट मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी बड़ी उम्मीद बनकर उभरा है। इस मॉडल पर स्वास्थ्य मंत्रलय की सराहना के बाद से प्रदेश सरकार भी उत्साहित है। जबकि सबसे बड़ा प्रदेश और जनसंख्या ज्यादा होने के बावजूद यहां कोरोना के मामले कम हैं।
उत्तर प्रदेश में कोरोना का सबसे पहला कलस्टर आगरा में सामने आया था। जिसके बाद प्रदेश सरकार ने पूरी सतर्कता बरती और बेहतर रणनीति के साथ कार्य करना शुरू किया। जिसके तहत जनपद के सभी हॉट स्पॉट को चिन्हित, रैपिड रिस्पॉन्स टीम, बल्क में सैंपलिंग, कॉल सेंटर की स्थापना, डोर स्टेप डिलीवरी और सभी घरों को सेनेटाइज किया गया।
कोरोना के प्रकोप को कम करने के लिए देश में दो मॉडल की चर्चा हो रही है। एक आगरा तो दूसरा भीलवाड़ा है। आगरा में लागू की गई व्यवस्था के तहत पूरे जनपद में बिना कर्फ्यू लगाए सिर्फ हॉटस्पॉट्स को चिन्हित कर उन्हें पूर्णत: सील किया गया। सील क्षेत्रों में डोर स्टेप डिलेवरी के माध्यम से लोगों को आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाया गया। चिन्हित किए गए क्षेत्रों के सभी घरों को दमकल गाड़ियों के माध्यम से सेनेटाइज किया गया। इस व्यवस्था से लोग पैनिक भी नहीं हुए और कम समय में सभी केसों की पहचान कर ली गई। इस मॉडल के सफल होने के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पहले चरण के तहत इसे प्रदेश के अन्य 15 जनपदों में भी लागू कर चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने शनिवार को कोरोना वायरस से लडऩे के लिए आगरा में अपनाई गई प्रणाली को एक मॉडल के रूप में वर्णित किया था, जिसके बाद रविवार को ट्विटर इंडिया पर हैश टैग योगी मॉडल चलाया गया। यूजर योगी सरकार द्वारा प्रदेश के गरीब, श्रमिक, वृद्ध और दिव्यांगों के भरण-पोषण की व्यवस्था से जुड़ी जानकारियों को ट्वीट और रिट्वीट करते रहे।
मुख्यमंत्री कार्यालय के ट्विटर हैंडल से भी ट्वीट कर लिखा गया है कि कोविड-19 के कहर का मर्दन सिर्फ योगी आदित्यनाथ के अंदाज में ही हो सकता है। उनकी टीम-11 जिस प्रतिबद्धता के साथ आमजन को आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति और स्वास्थ्य सेवाओं को उन तक पहुंचा रही है, वह अद्भुत है। एक ट्वीट में लिखा है कि कोरोना से संघर्ष को जन भागीदारी से जोड़कर योगी ने इसे आंदोलन और मानवता के समर के रूप में स्थापित कर दिया है। सरकार के साथ समाज की युति से युगान्तकारी परिणाम दिखाई दे रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आगरा मॉडल की तारीफ से उत्तर प्रदेश सरकार का उत्साह काफी बढ़ा है। इसके साथ ही योगी मॉडल सोशल मीडिया पर काफी छाया है। योगी मॉडल ट्विटर पर टॉप ट्रेंड करता रहा।
1248 विशेष टीमें
कोरोना के प्रकोप को कम करने के लिए हर एरिया का एक माइक्रोप्लान बनाया गया। 1248 विशेष टीमें बनाई गईं। जिसमें नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के लोग शामिल थे। इन टीमों ने घर-घर जाकर करीब 9.3 लाख लोगों का सर्वे किया। इन्होंने 1.65 लाख घरों की स्क्रीनिंग की। इनमें से 25 सौ लोगों की पहचान की गई जिनमें कफ, सर्दी, बुखार जैसे लक्षण थे। 36 लोगों का यात्रा इतिहास था। सबकी जांच की गई।
वॉर रूम के जरिए निगरानी
आगरा स्मार्ट सिटी केंद्र को बनाया वॉर रूम के रूप में इस्तेमाल किया गया। संक्रमित व्यक्तियों एवं उनके सम्पर्क में आए लोगों के लिए जिला प्रशासन ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनर्शिप के माध्यम से 566 बेड्स का पेड क्वारंटाइन सेंटर बनाया। इसके अलावा 3060 इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन सेंटर को लोगों के लिए फ्री सेंटर बनाया गया।
आरआरपी के जरिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग
प्रशासन ने यहां कई तरह के इंतजाम किए और कंटेनमेंट जोन बनाकर कोरोना को फैलने से रोका गया। रैपिड रिस्पॉन्स टीम (आरआरपी) के जरिए पूरे संक्रमित व्यक्ति की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की गई। वह कहां-कहां गए किस-किस से मिला, इस सबकी जानकारी जुटाई गई। इसके बाद हॉटस्पॉट और 38 एपिसेंटर चिन्हित किए गए। जिन्हें मैप पर दिखाया गया। जिसमें से 10 एपिसेंटर को पूरी तरह से अब बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही 3 किलोमीटर का कंटेनमेंट जोन और 5 किलोमीटर को बफर जोन बनाया गया।