दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस एस. मुरलीधर के तबादले को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्लीह हिंसा के मामले में सुनवाई करने वाले जज के तबादले को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि जस्टिस मुरलीधर का मौजूदा विवाद के दौरान आधी रात में तबादला चौंकानेवाला नहीं है। लेकिन यह दुखद और शर्मनाक है। सरकार न्याय का मुंह बंद करना चाहती है। लाखों भारतीयों को एक न्यायप्रिय और ईमानदार न्यायपालिका में विश्वास है, न्याय को विफल करने और उनके विश्वास को तोड़ने के सरकार के प्रयास दुस्साहसी हैं। बता दें कि जस्टिस मुरलीधर को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में ट्रांसफर किया गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी जज मुरलीधर के तबादले पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा है। सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार दिल्ली हिंसा की निष्पक्ष जांच नहीं चाहती है। भारतीय न्यायपालिका निष्पक्ष काम करती है। न्यायपालिका का सिर्फ एक ही धेय होता है, सत्यमेव जयते। जज मुरलीधर का तबादला कई सवाल खड़े करता है। आखिर, क्यों जज मुरलीधर का तबादला किया गया? क्या भाजपा अपने उन नेताओं को बचाना चाहती है, जिनके खिलाफ हिंसा भड़काने को लेकर कार्रवाई करने का सुझाव दिया गया है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बुधवार को न्यायमूर्ति एस मुरलीधर को दिल्ली हाईकोर्ट से पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की अधिसूचना जारी की है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने 12 फरवरी को उनके स्थानांतरण की सिफारिश की थी। मुरलीधर ने सितंबर 1984 में चेन्नई में अपनी कानून प्रैक्टिस शुरू की थी। वह 1987 में उच्चतम न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित हुए थे। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने सीजीआइ बोबडे की सलाह पर दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस मुरलीधर को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में प्रभार संभालने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति मुरलीधर दिल्ली उच्च न्यायालय के तीसरे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं।