10 साल पहले कृषि मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को बताई थी अपनी पीड़ा और अब मुख्यमंत्री के रूप में निकालेंगे इसका समाधान

राज्य ब्यूरो, देहरादून: चमोली की विश्वेश्वरी देवी ने तकरीबन 10 साल पहले तत्कालीन कृषि मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपनी पीड़ा बताई थी, तब उन्हें यह उम्मीद नहीं थी कि एक दिन मुख्यमंत्री के रूप में वह इसका समाधान निकाल देंगे। जब मुख्यमंत्री ने संपत्ति में महिलाओं को पैतृक संपत्ति में सह खातेदार बनाने का निर्णय किया तो विश्वेश्वरी देवी का खुशी का ठिकाना नहीं है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हाल ही में हुई कैबिनेट की बैठक में महिलाओं को सह खातेदार बनाने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री पहले भी यह कह चुके थे कि महिलाओं को ऋण लेने में आ रही परेशानी को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। अब मुख्यमंत्री ने यह बताया है कि उनके मन में यह बात आई कैसे। दरअसल, वर्ष 2007 से वर्ष 2012 में बनी भाजपा सरकार में वह कृषि मंत्री थे। उस समय वह चमोली के दौरे पर गए थे। इस दौरान जब वह महिलाओं से उनकी समस्याओं के संबंध में बात कर रहे थे तब विश्वेश्वरी देवी ने यह मामला उनके सामने रखा था।

इस बात को याद करते हुए विश्वेश्वरी देवी कहती हैं कि जब मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री थे तब उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्हें स्वरोजगार के लिए बैंक से ऋण लेने में परेशानी आ रही है। बैंक वाले कहते हैं कि उनके नाम कोई संपत्ति नहीं है तो ऋण कैसे दिया जाए। उन्होंने जब से यह सुना है कि सरकार ने अब महिलाओं को संपत्ति में सह खातेदार बनाया है तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है। वह इसके लिए मुख्यमंत्री का हाथ जोड़ कर आभार जताती हैं।

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