महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख गिरफ्तार, ईडी ने स्पेशल PMLA कोर्ट में किया पेश

महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को ईडी ने मनी लान्ड्रिंग से जुड़े मामले में आज स्पेशल PMLA कोर्ट में पेश किया है। ईडी ने अनिल देशमुख को कल गिरफ्तार किया था। अनिल देशमुख से प्रवर्तन निदेशालय ने 12 घंटे की पूछताछ की थी। पूछताछ में ईडी को पूर्व मंत्री की तरफ से संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

अनिल देशमुख को आज अदालत में पेश किया गया है। भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अनिल सिंह विशेष पीएमएलए अदालत पहुंचे हैं। वह महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के रिमांड आवेदन में प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) की ओर से पेश हो रहे हैं।

एनसीपी नेता अनिल देशमुख के वकील ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख अदालत के समक्ष अपनी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) रिमांड का विरोध करेंगे। अनिल देशमुख के वकील इंद्रपाल सिंह ने कहा कि हमने 4.5 करोड़ रुपये से जुड़े एक मामले की जांच में सहयोग किया। आज जब उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा तो हम उनके (अनिल देशमुख) रिमांड का विरोध करेंगे।

अब तक क्या-क्या हुआ?

अनिल देशमुख को ईडी ने 100 करोड़ रुपये की जबरन वसूली और मनी लान्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया। ईडी के एक अधिकारी के मुताबिक, सोमवार को केंद्रीय एजेंसी कार्यालय में देशमुख से 13 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तारी की गई है। पूर्व मंत्री को अब अदालत में पेश किया जाएगा। इससे पहले वह अपने वकील के साथ सुबह करीब 11 बजकर 40 मिनट पर दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट इलाके में स्थित एजेंसी के कार्यालय में आए थे। अधिकारियों ने बताया था कि केंद्रीय जांच एजेंसी महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में 100 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत एवं वसूली मामले में की जा रही आपराधिक जांच के संबंध में धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 71 वर्षीय नेता के बयान दर्ज कर रही है। वसूली के आरोपों के कारण देशमुख को अप्रैल में इस्तीफा देना पड़ा था।

ईडी ने 5 बार जारी किया था समन

इससे पहले ईडी की तरफ से पांच बार समन जारी किये जाने के बावजूद देशमुख पेश नहीं हुए थे। बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट की तरफ से पिछले सप्ताह इन समनों को रद्द करने से इनकार करने के बाद वह एजेंसी के समक्ष पेश हुए थे। एनसीपी के नेता ने कहा कि उन्होंने बिना किसी डर या पक्षपात के केवल पारदर्शी और निष्पक्ष जांच की मांग की है।

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