लॉकडाउन उल्लंघन करने पर 75 मुकदमे दर्ज किए गए

पुलिस के सख्त रुख और लगातार दर्ज हो रहे मुकदमे के बाद भी प्रदेश में लॉकडाउन उल्लंघन की शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। बुधवार को प्रदेश भर में 75 मुकदमे दर्ज किए गए और 258 को गिरफ्तार किया गया। वहीं, हरिद्वार के भगवानपुर में पुलिस लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले दस युवकों को मुर्गा बनाकर सबक सिखाया।

पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि प्रदेश भर में अब 1086 मुकदमे दर्ज किए गए हैं और 4435 की गिरफ्तारी की जा चुकी है। वहीं, मोटर वाहन अधिनियम के 13 हजार 151 वाहनों का चालान किया जा चुका है। 3499 वाहनों को सीज करते हुए 60 लाख 51 हजार रुपये जुर्माने की वसूली की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि लोगों को लगातार चेतावनी दी जा रही है कोरोना संक्रमण से बचे रहने के लिए घर में लॉकडाउन रहना बेहद जरूरी है।

हरिद्वार, रुड़की में 28 गिरफ्तार 

लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर हरिद्वार में 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया। 23 वाहन सीज किए गए, जबकि 29 का चालान किया गया। हरिद्वार में चार जबकि रुड़की में विभिन्न स्थानों पर 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

जिले में लॉकडाउन के उल्लंघन और शांति व्यवस्था भंग करने में पुलिस ने 16 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें चार शांति भंग में और 12 आपदा एक्ट के उल्लंघन में दबोचे गए। शांति भंग में अब तक 94 गिरफ्तार हो चुके हैं। आपदा एक्ट के 132 मुकदमों में 380 की गिरफ्तारी हो चुकी है।

पोर्टल संचालक पर दर्ज कराया मुकदमा

विदेश से लौटे अफसरों की बिना मेडिकल जांच कराए कोरोना ड्यूटी में लगाए जाने की खबर चलाने पर प्रशासन ने एक पोर्टल संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। रायपुर थाने में बुधवार देर रात स्वास्थ्य महानिदेशालय के राज्य नोडल अधिकारी की ओर से तहरीर दी गई है। कोरोना को लेकर किसी पोर्टल पर जिले में यह पहला मुकदमा बताया जा रहा है।

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के राज्य नोडल अधिकारी आइडीएसपी डॉ पंकज सिंह की ओर से दी गई तहरीर में कहा गया है कि बीते दो अप्रैल को एक न्यूज पोर्टल ने कोरोना ड्यूटी में लगे अफसरों के सबंध में एक खबर चलाई।

 खबर में बताया गया था कि कोरोना ड्यूटी में लगाए गए नोडल अधिकारी व अन्य विभागीय उच्च अधिकारी कुछ दिन पहले विदेश व देश के विभिन्न स्थानों से लौटे हैं और यहां आने के बाद बिना किसी मेडिकल टेस्ट के स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ गए। इतना ही नहीं यह भी लिखा गया कि इन सभी को कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए तैनात किया गया है। डॉ सिंह ने कहा कि यह तथ्य निराधार हैं और इससे आम जनमानस में कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर भ्रम की स्थिति बनी है।

कहा कि स्वास्थ्य विभाग की छवि धूमिल हुई और राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। यही नहीं पूरी निष्ठा के साथ कार्य में जुटे अधिकारियों की व्यक्तिगत एवं सामाजिक प्रतिष्ठा को भी क्षति पहुंचाई गई। इससे स्वास्थ्य सेवाओं में लगे अधिकारियों के मनोबल पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इस मामले में डॉ. सिंह ने डीआइजी अरुण मोहन जोशी को तहरीर दी थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.