उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कोरोना वायरस के चलते सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे दिहाड़ी मजदूरों को एक-एक हजार रुपये उनके बैंक खाते में दे सकती है। यूपी सरकार यह धनराशि करीब एक करोड़ दिहाड़ी मजदूरों को देने पर गंभीरता से विचार कर रही है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में गठित मंत्रियों की समिति ने गुरुवार को भी बैठक कर इस मसले पर विस्तृत विचार-विमर्श किया। कमेटी ने संबंधित प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेज दिया गया है। मुख्यमंत्री शुक्रवार को इस संबंध में घोषणा कर सकते हैं।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने मजदूरों के जो आंकड़े दिए हैं उनमें 21 लाख से ज्यादा श्रम विभाग के पंजीकृत मजदूर हैं। साथ ही नगर विकास विभाग के 16 लाख दिहाड़ी सफाई कर्मचारी, 58 हजार ग्राम सभाओं के करीब 11 लाख मजदूरों को शामिल करने पर विचार किया। रिक्शा चालकों, निर्माण श्रमिकों, रेहड़ी-खोमचे वालों, पल्लेदारों, रेलवे कुली, मॉल आदि में काम करने वाले मजदूरों को शामिल करने पर भी विचार किया गया।
समिति ने प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेज दिया है। कोरोना वायरस के मद्देनजर मुख्यमंत्री के निर्देश पर गठित मंत्रियों की कमेटी ने बुधवार को भी अफसरों के साथ दो चरणों में बैठक की थी। वित्त मंत्री की अध्यक्षता में गठित समिति में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य हैं।
बता दें कि कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए मंगलवार को योगी सरकार ने कुछ अहम निर्णय किए थे। जनता को भीड़भाड़ से बचने की सलाह देते हुए तय किया था कि इन हालात में गरीब-मजदूरों को भरण-पोषण का खर्च सरकार ही उपलब्ध कराएगी। साथ ही सरकारी कर्मियों को भी सरकार वर्क फ्रॉम होम (घर से काम) की सुविधा देने जा रही है। मुख्य सचिव को इसकी व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, प्रदेश के सभी स्कूल-कॉलेज, शिक्षण संस्थान बंद करते हुए दो अप्रैल तक सभी परीक्षाएं (सीबीएसई और आइसीएसई छोड़कर) भी स्थगित कर दी हैं। इस अवधि में जनता दर्शन, समाधान दिवस, तहसील दिवस और धरना-प्रदर्शन पर भी रोक लगा दी गई है।
मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक से पहले कोरोना वायरस की रोकथाम पर गहन विचार-विमर्श हुआ था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दिहाड़ी मजदूर भी रोजी-रोटी की चिंता में भीड़ में न जाएं। उनके परिवार के भरण-पोषण के लिए निर्धारित धनराशि उनके खातों में आरटीजीएस के माध्यम से पहुंचा दी जाएगी। इस व्यवस्था को अमल में लाने के लिए वित्त मंत्री की अध्यक्षता में कमेटी बना दी गई है, जिसमें कृषि मंत्री और श्रम मंत्री भी हैं।