महिला हेल्पलाइन में शिकायत लेकर आने वाली महिलाओं और उनके बच्चों की परेशानी को देखते हुए डीआइजी ने हेल्पलाइन का कायाकल्प करने के निर्देश दिए हैं। अब यहां तीन नए काउंसलिंग रूम और बच्चों के लिए किड्स रूम बनाया जाएगा। इसके लिए हेल्पलाइन को 10 लाख रुपये की धनराशि जारी की जाएगी।
लॉकडाउन के बाद महिला हेल्पलाइन में शिकायतों की संख्या तेजी से बढ़ी है। फिलहाल हर रोज हेल्पलाइन में 25 से 30 मामलों की सुनवाई हो रही है। सुनवाई में अपना पक्ष रखने के लिए इससे दोगुनी संख्या में वादी और प्रतिवादी पक्ष से लोग भी रोजाना हेल्पलाइन पहुंचते हैं। जिनके बैठने के लिए हेल्पलाइन में अभी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा काउंसलिंग रूम कम होने के कारण महिलाओं को अपनी बारी के लिए काफी इंतजार करना पड़ता है। पीड़ित महिलाओं के साथ आने वाले बच्चों के लिए भी यहां पर्याप्त जगह नहीं है।
महिला हेल्पलाइन की नोडल अधिकारी और सीओ नेहरू कॉलोनी पल्लवी त्यागी ने इन समस्याओं के समाधान के लिए डीआइजी को पत्र लिखा था, जिसका संज्ञान लेते हुए डीआइजी ने नोडल अधिकारी को हेल्पलाइन में सुनवाई के अनुकूल वातावरण बनाने के साथ पर्याप्त संख्या में कंप्यूटर, प्रिंटर, कुर्सी-मेज उपलब्ध कराने का निर्देश भी दिया है। डीआइजी ने नोडल अधिकारी से यह भी कहा है कि महिलाओं की शिकायतों को गंभीरता से लिया जाए और उनकी तुरंत काउंसलिंग की जाए। अगर दोनों पक्षों में समझौता नहीं होता है तो तुरंत मुकदमा दर्ज किया जाए।
डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि महिला हेल्पलाइन में काफी शिकायतें आ रही हैं, लेकिन वहां बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। इसी बात को देखते हुए महिला हेल्पलाइन में व्यवस्थाएं बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। 10 लाख रुपये की लागत से काउंसिलिंग रूम और किड्स रूम तैयार किए जाएंगे।