भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना जैसी आपदा को अवसर में बदलने का काम किया। प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर पैकेज की घोषणा की। इससे स्वास्थ्य के साथ ही आर्थिक गतिविधियों को गति दी जा रही है। गरीब कल्याण पैकेज के जरिये करोड़ों जरूरतमंदों की कोरोना काल में सहायता की गई। इसीलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि भारत ने न केवल स्वास्थ्य बल्कि आर्थिक समस्या का भी समाधान किया है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र संघ ने कहा कि गरीब कल्याण पैकेज एक ऐसा कदम है, जिसे अन्य देशों को भी अपनाना चाहिए।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इन दिनों उत्तराखंड दौरे पर हैं। उन्होंने रविवार को देहरादून के सर्वे चौक स्थित आइआरडीटी सभागार में बूथ अध्यक्ष और उससे ऊपर के पदाधिकारियों को वर्चुअल बैठक के माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कोरोना के सामने अमेरिका, फ्रांस, इटली व यूरोप के सभी देश असहाय दिखे। इन देशों की स्वास्थ्य सुविधाएं भारत से कहीं बेहतर हैं। अमेरिका में तो कोरोना प्रबंधन अथवा कुप्रबंधन पर डोनाल्ड ट्रंप चुनाव हार गए।
वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान आगे आकर देश का नेतृत्व किया। साहसिक कदम उठाते हुए लॉकडाउन का फैसला लिया और देश की 130 करोड़ जनता को बचा लिया। जिस दिन लॉकडाउन लागू हुआ था, उस दिन देश में कोरोना को जांच करने की क्षमता प्रतिदिन 1500 थी। प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन के दौरान देश को इसके लिए तैयार किया। आज देश की जांच करने की क्षमता प्रतिदिन 10 से 15 लाख है। पहले वेंटीलेटर बाहर से मंगाए जा रहे थे, अब देश में बनाए जा रहे हैं। पीपीई किट भी पहले बाहर से मंगाए जाते थे, आज दूसरे देशों को भेजे जा रहे हैं। 150 देशों को दवाई भेजी गई।
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वास्थ्य सेवा के साथ ही गरीबों का ध्यान रखा। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज भी दिया। 1.57 लाख करोड़ रुपये इसमें खर्च किए गए। 80 करोड़ जनता को दीपावली तक राशन दिया। इस दौरान गरीबों को मुफ्त सिलिंडर देने, गरीब महिलाओं, दिव्यांगों, बजुर्गों और गरीब व विधवा महिलाओं के साथ ही किसानों के खातों में पैसे पहुंचाए गए। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जब देश लॉकडाउन था तो सारी पार्टियां लॉकडाउन थीं, केवल भाजपा ने बाहर निकलकर सामाजिक कार्य किए। करोड़ों लोगों तक राशन पहुंचाया। सारी पार्टियां लॉकडाउन हैं और भगवान उन्हें लॉकडाउन ही रखे। कोई भी राजनीतिक दल बयानबाजी के अलावा कोई काम नहीं कर रहा है। विपक्षी दल अब भाजपा का विरोध करते-करते राष्ट्रीय हितों को भी दरकिनार करने लगे हैं।