उत्तराखंड में चल रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 14 फरवरी को करेंगे समापन

 केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 14 फरवरी को उत्तराखंड के हल्द्वानी में 38वें राष्ट्रीय खेलों (National Games) के समापन समारोह में शामिल होंगे। इस भव्य समापन समारोह में बॉलीवुड गायक सुखविंदर सिंह और श्वेता मेहरा अपनी प्रस्तुति देंगे। साथ ही दिगारी ग्रुप भी अपनी प्रस्तुति देगा। समारोह में मानसखंड और राष्ट्रीय खेलों के सफर को भी प्रदर्शित किया जाएगा।

उत्तराखंड में चल रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों का समापन 14 फरवरी को होना है। राज्य सरकार इस आयोजन को दिव्य व भव्य बनाने के लिए कार्य कर रही है। समापन समारोह में बालीवुड गायक सुखविंदर व श्वेता मेहरा प्रस्तुतियां देंगे।   दिगारी ग्रुप भी समारोह में अपनी प्रस्तुति देगा। इस दौरान मानसखंड और राष्ट्रीय खेलों के सफर को भी प्रदर्शित किया जाएगा।
बता दें कि उत्तराखंड में 28 जनवरी को पीएम मोदी ने 38वें राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन किया था। समारोह राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम में था। पीएम मोदी ने रथ पर सवार होकर स्टेडियम में प्रवेश किया था। पीएम मोदी के साथ मंच पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय खेल राज्य मंत्री रक्षा खडसे, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी व पीटी ऊषा भी मौजूद थे।
पीएम ने कहा था, ‘देवभूमि ऊर्जा से और दिव्य हो उठी है। इस युवा राज्य में देश के कोने कोने से आए युवा अपना सामर्थ्य दिखाने वाले हैं। इस बार राष्ट्रीय खेल ग्रीन गेम्स भी हैं। सभी मेडल और ट्रॉफी e waste से बने हैं।’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि खेल और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) भेदभाव को समाप्त करते हैं। खेल स्पर्धाएं सबका प्रयास और टीम भावना से खेलने के लिए प्रेरित करती हैं।
यूसीसी से भी यही प्रेरणा मिलती है। मोदी ने समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए उत्तराखंड की पहल को ऐतिहासिक कदम बताते हुए प्रदेश सरकार और जनता को बधाई भी दी थी। इसके एक दिन पहले 27 जनवरी को ही राज्य में यूसीसी लागू हुआ था।
उत्तराखंड में 27 जनवरी को समान नागरिक संहिता (UCC) लागू हो गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में संहिता की नियमावली व पोर्टल ucc.uk.gov.in का लोकार्पण किया था
समान नागरिक संहिता लागू करने के साथ ही उत्तराखंड स्वतंत्रता के बाद ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया। उत्तराखंड सरकार ने सभी नागरिकों को समान अधिकार देने के उद्देश्य से समान नागरिक संहिता कानून बनाया है।

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