भारत और आस्‍ट्रेलिया के बीच टू-प्‍लस-टू वार्ता, इसमें दोनों ही तरफ से रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री होंगे शामिल

नई दिल्ली भारत और आस्‍ट्रेलिया के बीच शनिवार से टू-प्‍लस-टू वार्ता होने वाली है। इसमें दोनों ही तरफ से रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री शामिल होंगे। इस वार्ता में हिस्‍सा लेने के लिए ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मारिस पायने और रक्षा मंत्री पीटर डुटोन शुक्रवार को भारत पहुंच गए हैं। उनका ये दौरा तीन दिवसीय है। इस वार्ता के केंद्र में दो अहम मुद्दे शामिल हैं। इनमें पहला है दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक मजबूत करना और दूसरा है अफगानिस्‍तान के वर्तमान हालात। हालांकि इसके अलावा भी कुछ मुद्दे दोनों देशों के बीच होने वाली वार्ता में शामिल होंगे।

आपको बता दें कि अफगानिस्‍तान के वर्तमान हालातों को लेकर जहां भारत चिंतित है वहीं आस्‍ट्रेलिया ने भी इस बारे में एक समान विचार प्रकट किए हैं। दोनों ही देश फिलहाल इंतजार कर वहां के लिए रणनीति बनाने का समर्थन कर रहे हैं। हाल ही में अफगानिस्‍तान में गठित होने वाली नई सरकार से भी दोनों देश काफी निराश हैं। भारत समेत समूचे विश्‍व का कहना है कि तालिबान ने जो वादे किए हैं उस पर उन्‍हें कायम रहना चाहिए। हालांकि ऐसा होता हुआ फिलहाल दिखाई नहीं दे रहा है। तालिबान ने कहा था कि उसकी सरकार में सभी का समान अधिकार होंगे, और सभी के अधिकारों का सम्‍मान किया जाएगा। उनके अधिकारों की रक्षा भी की जाएगी। लेकिन, वहां से जो रिपोर्ट आ रही हैं उनके मुताबिक फिलहाल ऐसा कुछ होता दिखाई नहीं दे रहा है।

इस वार्ता से पहले भारत में आस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ओ फारेल ने कहा कि अफगानिस्तान के हालातों को लेकर आस्‍ट्रेलिया अपने सभी करीबी सहयोगियों के संपर्क में है। उन्‍होंने ये भी कहा है कि इस वार्ता के जरिए दोनों देश संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहते हैं। बता दें कि आस्‍ट्रेलिया के रक्षा और विदेश मंत्रियों का ये दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब तालिबान की वजह से इस पूरे क्षेत्र के हालात काफी चिंताजनक बन गए हैं। पायने और डुटोन भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री जयशंकर से तो वार्ता करेंगे ही लेकिन उनके पीएम मोदी से मुलाकात करने की संभावना है।

आपको बता दें कि इस वार्ता में दोनों देशों के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणीतिक साझेदारी के तहत रक्षा और सुरक्षा संबंधों को मजबूती देने पर विचार-विमर्श किया जाएगा। आस्ट्रेलिया के साथ यह पहली टू प्लस टू वार्ता है। इसके बारे में 4 जून, 2020 को दोनों देशों की बैठक में फैसला किया गया था। अफगानिस्‍तान में चीन की सक्रिय भूमिका को देखते हुए ये वार्ता और खास हो गई है। इसके अलावा दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर भी आस्‍ट्रेलिया और भारत का एक समान हित और चिंताएं जुड़ी हैं। इस वार्ता में कोरोना महामारी को लेकर भी चर्चा संभव है।

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