नैनीताल, उत्तराखंड में लगातार तीन दिनों तक हुई मूसलादार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। कुमाऊं मंडल में जगह-जगह तबाही के मंजर नजर आ रहे हैं। हालांकि अभी तक नुकसान का आकलन ठीक-ठीक नहीं हो सका है। सर्वे के बाद ही साफ तस्वीर सामने आ सकेगी। लेकिन प्रथम दृष्टया जो मंजर सामने आ रहा है, वह डराने वाला है। कई दर्जन मकान मंडलभर में ध्वस्त हो गए हैं। सड़कों पर मलबा आने के कारण जगह-जगह आवागम ठप है। रामनगर के चुकुम गांव में 20 से अधिक मकान और खेत बह गए हैं। काठगोदाम रेलवे स्टेशन की शंटिंग लाइन बह गई है। करोड़ों की लागत से आठ साल पहले बना गौला पुल ध्वस्त हो गया है। पिथौरागढ़ और किच्छा में भी पुल ध्वस्त हो गया है। टनकपुर-पिथौरागढ़ ऑलवेदर रोड का बड़ा हिस्सा बह गया है। चंपावत जिले में मोबाइल नेटवर्क ठप है। ऐसे में वहां पर नुकसान की जानकार नहीं मिल पा रही है। 40 से अधिक मौतें हो गईं हैं, तो कई लापता बताए जा रहे हैं।
नैनीताल जिले में 28 शव बरामद, 45 मकान ध्वस्त
नैनीताल जिले में आपदा में मृतकों के अब तक 28 शव बरामद हो चुके हैं। जबकि अब तक 45 पशु हानि हुई है। 45 मकान ध्वस्त हो गए हैं। प्रभावितों ने सरकारी स्कूलों तथा पड़ोसियों के घर में शरण ली है। नैनीताल में करीब 60 घंटे बाद पूरे शहर की आपूर्ति बहाल हो गई है। जबकि ग्रामीण इलाकों की बिजली के साथ ही पेयजल आपूर्ति ठप है। ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता हारून राशिद ने बताया कि पाइंस के साथ ही रेहड़ में लाइन क्षतिग्रस्त हुई थी। इसके अलावा अलग अलग स्थान पर ट्रिप आने से आपूर्ति बाधित हुई। वहीं जिले में दर्जनभर से अधिक रास्ते बंद हैं
पिथौरागढ़ जिले में दो एनएच सहित जिले में 28 मार्ग बंद
पिथौरागढ़ जिले में भारी बारिश के कारण एनएच समेत 28 मार्ग बंद हैं। जिले में दो एनएच, एक स्टेट हाईवे, छह सीमा मार्ग, 19 ग्रामीण रोड बंद हो चुकी हैं। कई स्थानों पर मार्ग बह गए हैं। एनएच बंद होने से पिथौरागढ़ तक साग, सब्जी की आपूर्ति बंद होने से जिले में सब्जी तक नहीं है। सीमा के भी सभी मार्ग बंद हैं। गुंजी गए लोग फंसे हैं। चंडाक रोड स्थित जीजीआइसी के पास जबरदस्त भूस्खलन हुआ है। विद्यालय के प्रांगण से भूमि दरक कर रोड पर आ चुकी है। भवन खतरे में आ चुका है।
रुद्रपुर में 300 दुकानों में घुसा पानी, 50 करोड़ का माल बर्बाद
लगातार 36 घंटे की बारिश ने रुद्रपुर के व्यापार पर असर डाला। व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा ने बताया कि लगभग 300 दुकानों में पानी घुस जाने से करीब 50 करोड़ का सामान बर्बाद हो जाने का अनुमान है। मुख्य बाजार, सिविल लाइन, काशीपुर बाईपास, आवास विकास, नैनीताल रोड स्थित दुकानों को ज्यादा नुकसान हुआ। नालियां चोक होने से हालात विकट हुए। किच्छा में निर्माणाधीन जेल को जाने वाले मार्ग पर बना पुल टूटा।
बागेश्वर जिले के द्वाली में अस्थाई पुल बहे, पिंडर घाटी में फंसे 30 पयर्टक
बागेश्वर जिले द्ववाली में पिंडर नदी पर बने लकड़ी के दो अस्थायी पुल बह गए हैं। पिंडर घाटी की साहसिक यात्रा में गए लगभग 30 पर्यटक फंसे हुए हैं। इधर, बिलौना में भूस्खलन होने से 16 लोगों को पंचायत घर में शिफ्ट किया गया है। खाती गांव निवासी यामू सिंह ने बताया कि बीते दिनों पिंडारी की साहसिक यात्रा पर पर्यटकों का दल निकला था। वापसी में वह द्वाली के समीप फंसा हुआ है। बताया कि दल में पर्यटकों समेत पोटर, खच्चर वाले समेत गाइड समेत लगभग 30 लोग शामिल हैं। द्वाली के समीप बिते 20 दिन पूर्व लकड़ी के दो अस्थाई पुल पिंडर नदी पर बने थे, बारिश के कारण वह बह गए हैं। जिसकी सूचना कपकोट तहसील प्रशासन को भी दी गई है।
पिथौरागढ़ के जैल बैंड में दरकी चट्टान
पिथौरागढ़ के जेल बैंड में मंगलवार की सुबह पहाड़ी दरक गई। मलबा गिरने के दौरान सड़क पर कोई वाहन और राहगीर नहीं थे, जिससे बड़ा हादसा टल गया। मुख्यालय से तीन किलोमीटर जेल बैंड के पास मंगलवार की सुबह लगभग सात बजे पहाड़ी दरक गई। पहाड़ी का मलबा पिथौरागढ़-चंडाक रोड पर आ गया, जिससे मार्ग बंद हो गया। चंडाक, मोस्टामानू, नाकोट, छेड़ा, बांस आदि क्षेत्रों से हर रोज जिला मुख्यालय आने वाले लोगों को जेल बैंड से मुख्यालय तक पैदल आना पड़ा।
चल्थी पुल से पहले 100 मीटर एनएच का हिस्सा नदी में समाया
चम्पावत में बारिश के चलते चल्थी पुल से पहले सौ मीटर एनएच का हिस्सा लधिया नदी में समा गया। रोड खत्म हो जाने से जनपद मुख्यालय व पिथौरागढ़ जनपद का मैदानी क्षेत्र से संपर्क पूरी तरह से कट गया। वहीं लधिया नदी पर कार्यदायी कंपनी द्वारा बनाया जा रहा पुल भी बह गया। पुल स्ट्रक्चर के साथ काफी सामान भी बह गया है। अब सूखीढांग डांडा मीनार रोड या वाया देवीधुरा होते हुए लोग चम्पावत पहुंच सकेंगे। टनकपुर से पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही आलवेदर रोड का कार्य 2017 में शुरू हुआ। जिसे 2019 में पूरा किया जाना था।
अल्मोड़ा जिले में 196 मकान क्षतिग्रस्त
अल्मोड़ा जिले में बारिश से जैंती, लमगड़ा, भैसियाछाना, धौलादेवी, रानीखेत, ताड़ीखेत, द्वाराहाट, भिकियासैंण, सल्ट, चौखुटिया ब्लाकों में भारी तबाही मची है। बारिश सेचार मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं। जबकि 51 मकानों को तीक्ष्ण क्षति पहुंची है। इसके अलावा 151 मकानों का आंशिक नुकसान हुआ है। बारिश से लोग डरे सहमे हुए है। जिनके मकान ज्यादा क्षतिग्रस्त हो गए है। वह अपने रिश्तेदारों या पड़ोसियों के वहां शरण लिए हुए है। प्रशासन ने सरकारी भवनों में उनको सुरक्षित रखने की योजना बना रही है। प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर निरीक्षण कर रहे हैं। जिले की 17 सड़के बंद हैं।
यूएस नगर में 40 हजार हेक्टेयर की खेती प्रभावित
ऊधमसिंहनगर जिले में दो दिनों से हो रही लगातार बारिश से हजारों हेक्टेयर फसल नष्ट होने की कगार पर है। जिले में करीब 90 हजार किसान पंजीकृत हैं। जिले में एक लाख तीन हजार हेक्टेयर में इस बार धान लगाई गई है। मुख्य कृषि अधिकारी डा. अजय वर्मा ने बताया कि लगभग 30 से 35 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित होने की संभावना है। धान की खेती की बात करें तो लगभग दस फीसद नुकसान हो सकता है। दलहन में उड़द और मटर जिनकी बुआई हाल में ही की गई थी, वह करीब 50 फीसद नष्ट हो चुके हैं। लाही की फसल 40 फीसद अब तक बर्बाद हुआ है।