चीनी मिलों में उत्पादित किया जा रहा शीरे का उचित नियंत्रण किया जाएगा,यूपी में चीनी मिलों पर नजर रखेंगे अधिकारी

बरेली में आबकारी विभाग ने चीनी मिलों से निकलने वाले शीरे पर नियंत्रण के लिए छह टीमें बनाई हैं। इन टीमों में छह सहायक आबकारी आयुक्त शामिल हैं जिन्हें चीनी मिलों का आवंटन किया गया है। टीमें महीने में तीन बार मिलों का निरीक्षण कर शीरे का स्टॉक चेक करेंगी और कमी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। सरकार की शीरा नीति के तहत यह कदम उठाया गया है।

 चीनी मिलों से निकलने वाला शीरा अल्कोहल फैक्ट्रियों तक नहीं पहुंचे। इसके लिए आबकारी विभाग ने छह टीमें लगा दी हैं। उन्हें मिलों का आवंटन भी कर दिया है। टीमों में शामिल अधिकारी हर महीने तीन बार चीनी मिलों का निरीक्षण करेंगे। शीरे की मात्रा भी चेक करेंगे। स्टाक कम पाए जाने पर कार्रवाई भी संभव है। 

सरकार की मौजूदा शीरा नीति के तहत चीनी मिलों में उत्पादित किया जा रहा शीरे का उचित नियंत्रण किया जाना है। चीनी मिलों में गन्ने की पेराई शुरू हो गई है। चीनी उत्पादन की प्रक्रिया के दौरान निकलने वाले शीरे से अल्कोहल तैयार की जाती है। चीनी मिलें शीरे को किसी अल्कोहल बनाने वाली फैक्ट्री को नहीं बेचे, इसकी निगरानी आबकारी विभाग कर रहा है।

इसके लिए मंडल में छह सहायक आबकारी आयुक्त को लगाया गया है। बरेली के सहायक आबकारी आयुक्त हेमंत कुमार चौधरी को मीरगंज, सेमीखेड़ा, नवाबगंज और बहेड़ी चीनी मिल आवंटित की गई है। विनोद कुमार को बीसलपुर, बरखेड़ा, यदू, शेखूपुर चीनी मिल आवंटित है। पीलीभीत के सहायक आबकारी आयुक्त अश्विनी कुमार एलएच चीनी मिल और पूरनपुर चीनी मिल देखेंगे। बरेली की अनीता मर्तोलिया शाहजहांपुर की रोजा और द्वारिकेश चीनी मिल देखेंगी। 

शा हजहांपुर के राजेश प्रताप सिंह को मकसूदापुर और पुवायां चीनी मिल की जिम्मेदारी दी है। शाहजहांपुर के कुंवर विशाल भारती को तिलहर और निगोही चीनी मिल देखनी है। उप आबकारी आयुक्त एसपी सिंह ने बताया कि शीरा नियंत्रण के लिए छह टीमें बनाई गई हैं। प्रत्येक टीम महीने में तीन बार आवंटित चीनी मिल का निरीक्षण करेंगी। उसकी रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाएगी।

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