देहरादून दीपावली पर इस बार पलटन बाजार सहित आसपास क्षेत्रों में पटाखों की बिक्री पर जिला व पुलिस प्रशासन ने रोक लगा दी है। जिलाधिकारी कैंप कार्यालय में व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ आयोजित बैठक में यह आदेश जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार और डीआइजी जन्मेजय खंडूड़ी ने जारी किए हैं।
इस दौरान व्यापारियों को निर्देशित किया है कि पलटन बाजार में कोतवाली से घंटाघर तक, धामावाला बाजार में कोतवाली से आढ़त बाजार चौक तक, मोती बाजार में पलटन बाजार से पुरानी सब्जीमंडी, हनुमान चौक में झंडा मोहल्ला, रामलीला बाजार से बैंड बाजार तक पटाखों की बिक्री नहीं होगी। इसके अलावा आनंद चौक से लक्ष्मण चौक तक, डिस्पेंसरी रोड का पूरा क्षेत्र, घंटाघर, चकराता रोड पर हनुमान मंदिर तक, सर्वे चौक से डीएवी पीजी कालेज जाने वाली रोड, करनपुर मुख्य बाजार के अलावा ऐसे स्थान जहां अग्निशमन के वाहन नहीं पहुंच सकते, आतिशबाजी लाइसेंस के लिए प्रतिबंधित रहेंगे।
जिलाधिकारी ने कहा कि आतिशबाजी के अस्थायी लाइसेंस के लिए व्यापारी 25 से 30 अक्टूबर तक आवेदन कर सकते हैं। एक से पांच नवंबर तक पटाखों की बिक्री की जाएगी। उन्होंने जिलाधिकारी ने शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में आतिशबाजी लाइसेंस जारी किए जाने के लिए सुरक्षित स्थान चिह्नित करने और अग्निसुरक्षा के सभी मानकों का पालन करवाने के लिए सभी उप जिलाधिकारी व परगना जिलाधिकारी मजिस्ट्रेट को निर्देश जारी किए हैं।
आतिशबाजी की बिक्री के लिए सिंगल विंडो सिस्टम के तहत उपजिला मजिस्ट्रेट कार्यालयों से लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। आतिशबाजी की बिक्री के लिए निर्धारित स्थल पर आवंटित क्षेत्र के लिए शुल्क भी देना होगा। इससे पहले जिला और पुलिस प्रशासन की ओर से इस साल खुले मैदानों में पटाखों की बिक्री करने की योजना बनाई थी, लेकिन व्यापारियों के विरोध के चलते योजना सिरे नहीं चढ़ पाई। इस दौरान अगले वर्ष से आतिशबाजी के लिए प्रशासन व पुलिस की ओर से निर्धारित स्थान पर ही आतिशबाजी की दुकानें लगाए जाने का शपथपत्र व्यापारियों की ओर से प्रशासन को उपलब्ध कराए जाने का आश्वासन दिया गया।
धनतेरस पर रात 12 बजे तक खुलेंगी सर्राफा की दुकानें
बैठक में यह आदेश जारी किए गए हैं कि धनतेरस पर रात 12 बजे तक सर्राफा व फर्नीचर की दुकानें खुली रहेंगी। जिस किसी सर्राफा व्यापारी को धनराशि सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने की आवश्यकता है, उन्हें पुलिस प्रशासन को पहले ही अवगत कराना होगा, ताकि संबंधित को सुरक्षा उपलब्ध कराई जा सके।