ऋषिकेश। बदरीनाथ हाईवे पर तोताघाटी में पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन के उपचार में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड तकनीकी मदद करेगा। उसकी टीम ने यहां सर्वे पूरा कर लिया है। अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह तक पहाड़ी के ट्रीटमेंट का डिजाइन तैयार करके राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सौंप दिया जाएगा। तोताघाटी में लंबे समय से भूस्खलन की समस्या बनी हुई है, इसके चलते आए दिन यातायात बाधित हो रहा है। अब इसके स्थायी समाधान की दिशा में कदम बढ़ाया गया है।
इसी साल मार्च में केंद्रीय सड़क एवं भूतल परिवहन मंत्रालय के साथ टीएचडीसी का राज्यभर में आलवेदर रोड के तहत कराए जा रहे कार्यों के दौरान उभरे भूस्खलन जोन के ट्रीटमेंट के लिए एमओयू हुआ था। केंद्र सरकार की आलवेदर रोड योजना के तहत ऋषिकेश बदरीनाथ हाईवे के चौड़ीकरण का काम राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण करा रहा है। मानसून सीजन के दौरान आलवेदर रोड के तहत निर्मित कई सड़कें भूस्खलन के कारण बंद है। सड़क परिवहन मंत्रालय के साथ हुए समझौते के तहत अब उत्तराखंड में सभी संवेदनशील सड़कों के ट्रीटमेंट के लिए टीएचडीसी को कंसल्टेंसी का काम सौंपा गया था।
टीएचडीसी के महाप्रबंधक डिजाइन अतुल जैन ने बताया कि जहां-जहां सड़कें अत्यधिक क्षतिग्रस्त हो रही हैं उनके बारे में मंत्रालय की ओर से टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड को अवगत कराया जा रहा है। वर्तमान में उत्तराखंड के भीतर 150 साइट ऐसी है जिस पर टीएचडीसी काम कर रही है। ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर चंबा रोड में 12 साइट है जिनका सर्वे किया गया है। राज्य में अब तक करीब 60 से अधिक साइट का सर्वे किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि ऋषिकेश बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर तोताघाटी भूस्खलन की दृष्टि से काफी संवेदनशील है। इसके ट्रीटमेंट का डिजाइन तैयार करने के लिए सर्वे किया जा चुका है। तोताघाटी में छह स्थान ऐसे हैं जिनका ट्रीटमेंट किया जाना है। अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह में टीएचडीसी तोताघाटी के ट्रीटमेंट का डिजाइन तैयार कर मंत्रालय को सौंप देगा। जोशीमठ तक कई अन्य क्षेत्रों का सर्वे किया जाना अभी बाकी है। महाप्रबंधक ने बताया कि जहां चट्टानों के आकार और प्रकार को देखकर ही ट्रीटमेंट का डिजाइन तैयार किया जा रहा है।