स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने देश की राजनीति स्थिति पर कटाक्ष करते हुए कहा- कृषि कानूनों को लेकर भीड़तंत्र के आगे लोकतंत्र को घुटने टेकने पड़े

गोवर्धन मठ पुरी के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि राजनीति की परिभाषा को विश्व स्तर पर पारभाषित करने की आवश्यकता है। संयुक्त राष्ट्र संघ से भी अपेक्षा है कि वह विश्व स्तर पर राजनीति की परिभाषा को दे और उसे क्रियान्वित करने में अपनी अहम भूमिका निभाए। साथ ही उन्होंने देश की राजनीति स्थिति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कृषि कानूनों को लेकर भीड़तंत्र के आगे लोकतंत्र को घुटने टेकने पड़े

शनिवार को हल्द्वानी के नारायण नगर में उत्तरांचल उत्थन परिषद की ओर से आयोजित संगोष्ठी में उपस्थित शंकराचार्य ने कहा कि देश में तथाकथित धर्मगुरु पैदा हो गए है। इसके लिए केंद्र सरकार को सख्त कदम उठाया जाना चाहिए। जिस तरीके से सोनिया व आडवाणी के नकली दामाद जेल जा सकते हैं तो तथाकथित धर्मगुरु क्यों नहीं जा सकते।

धर्म के नाम पर दुनियाभर में हो रहा व्यापार

स्वामी शंकराचार्य निश्वलानंद ने कहा कि धर्म का व्यापार चरम पर है। यह केवल भारत में नहीं बल्कि पूरे विश्व में है। भारत के आध्यात्मिक तंत्र में व्यापार का प्रवेश हो चुका है। उन्होंने कहा कि व्यापार बहुत समय तक नहीं चलता। अंत में सत्य की ही विजय होती है। जो व्यक्ति अपनी बात धर्म शास्त्रों के अनुसार करते हैं। वे सतत प्रगति करते हैं। शंकराचार्य ने कहा कि वह किसी का नाम नहीं लेंगे पर देश में बहुत से लोग धर्म का व्यापार करने आए और चले गए। भारतीय संस्कृति और धर्म शाश्वत ही रहा और रहेगा।

कोई भी दल गोरक्षक नहीं

स्वामी शंकराचार्य ने कहा कि आज भारत में कोई भी दल ऐसा नहीं है जो यह खुलकर कहे कि वह गोरक्षक है। हर तरफ गायों की स्थिति खराब है। गाय माता की पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है। कभी पूजनीय स्थिति में रहने वाली गो आज कचरा खाने व सड़क पर अकारण मरने को विवश है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.