लखनऊ, भारतीय जनसंघ के संस्थापक और पंडित जवाहर लाल नेहरू की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने उनको नमन किया। लखनऊ के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल में सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनकी आदमकद प्रतिमा पर माल्यापर्ण करने के बाद लोगों को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी 120वीं जयंती पर श्रद्धासुमन अर्पित किया। उनको नमन करने के साथ कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारत माता के महान सपूत थे। अखंड भारत के समर्थक डॉ. मुखर्जी ने कांग्रेस की तुष्टीकरण नीति का विरोध किया। इसी कारण उन्होंने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जम्मू कश्मीर में धारा 370 को खत्म करना डा. मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि है। मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाकर डा. मुखर्जी के सपने को साकार किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डा. मुखर्जी देश में दो विधान, दो निशान और दो प्रधान के विरोध में थे, लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जम्मू कश्मीर में धारा 370 को चुपचाप लागू कर देश में दो कानून को लागू कर दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 को खत्म कर डा. मुखर्जी के सपने को पूरा किया है और मौजूदा समय जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र बहाल हो गया है। अब वहां खुशी का माहौल है और समाज के हर वर्ग को न्याय मिल रहा है। भाजपा जम्मू कश्मीर को विकास की एक नई प्रक्रिया से जोडऩे का काम किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डा. मुखर्जी ने शिक्षा के क्षेत्र में देश को एक दिशा देने का काम किया था। उन्होंने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार की तृष्टिकरण नीति से देश की अखंडता को बचाने के लिए डा. मुखर्जी ने आवाज उठाई थी और देश की अखंडता को बचाने के लिए 23 जून 1953 को उन्होंने अपना बलिदान दिया था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश की अखंडता, विकास और शिक्षा क्षेत्र में डा. मुखर्जी के योगदान का स्मरण करते हुए उन्हेंं श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा हूं।
इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक, जल शक्ति मंत्री डा. महेंद्र सिंह,नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, बाल विकास पुष्टाहार मंत्री स्वाति सिंह, महापौर संयुक्ता भाटिया, विधायक सुरेश तिवारी और महानगर भाजपा अध्यक्ष मुकेश शर्मा भी मौजूद थे।
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म छह जुलाई 1901 को कोलकाता के अत्यन्त प्रतिष्ठित परिवार में हुआ। उनके पिता सर आशुतोष मुखर्जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे एवं शिक्षाविद् के रूप में विख्यात थे। डॉ. मुखर्जी ने 1917 में मैट्रिक किया तथा 1921 में बीए की उपाधि प्राप्त की। 1923 में लॉ की उपाधि अर्जितकरने के पश्चात विदेश चले गये और 1926 में इंग्लैण्ड से बैरिस्टर बनकर स्वदेश लौटे। पिता का अनुसरण करते हुए उन्होंने भी अल्पायु में ही विद्याध्ययन के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलताएं अॢजत कर ली थीं। 33 वर्ष की अल्पायु में कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बने। इस पद पर नियुक्ति पाने वाले वे सबसे कम आयु के कुलपति थे। एक विचारक तथा प्रखर शिक्षाविद् के रूप में उनकी उपलब्धि तथा ख्याति निरन्तर आगे बढ़ती गयी।