मुंबई, महाराष्ट्र में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के खिलाफ शिवसेना के कार्यकर्ताओं का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। राणे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को ‘कान के नीचे रख देने की’ उनकी टिप्पणी को लेकर पुणे में एक मामला दर्ज किया गया है। युवा सेना की शिकायत के बाद मंगलवार को पुणे शहर के चतुरशृंगी पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 153 और 505 के तहत मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, इस FIR के बारे में राणे को कोई जानकारी नहीं। इस बात का दावा उन्होंने खुद किया है।
मामले दर्ज होने की बात पर उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मैं कोई आम आदमी नहीं हूं। मैंने कोई अपराध नहीं किया है। 15 अगस्त के बारे में कोई नहीं जानता तो क्या यह अपराध नहीं है? मैंने कहा था कि मैं थप्पड़ मार दूंगा – ये शब्द थे और यह कोई अपराध नहीं है।’
वहीं, शिवसेना कार्यकर्ता केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर दिए बयान के खिलाफ मुंबई में उनके आवास की तरफ विरोध मार्च निकाल रहे हैं। इस दौरान शिवसेना कार्यकर्ताओं, भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हो गई।
भाजपा पार्टी कार्यालय पर पथराव
शिवसेना कार्यकर्ताओं के एक समूह ने नासिक में भाजपा पार्टी कार्यालय पर पथराव किया और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के खिलाफ नारेबाजी की।
केंद्रीय मंत्री को पकड़ने के लिए टीम रवाना
नासिक पुलिस आयुक्त, दीपक पांडे ने बताया, ‘शिवसेना नासिक प्रमुख ने कल रात शिकायत दर्ज की कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बयान (महाराष्ट्र के सीएम के खिलाफ) ने उन्हें आहत किया है, इससे कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए नासिक साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।’ पांडे ने आगे कहा कि यह एक गंभीर मामला है। केंद्रीय मंत्री को पकड़ने के लिए यहां से एक टीम भेजी गई है। वह जिस भी जगह पर होंगे, उन्हें कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा। हम कोर्ट के फैसले का पालन करेंगे।’
क्या है मामला?
राणे ने सोमवार को रायगढ़ जिले में भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा को संबोधित करते हुए विवाद खड़ा कर दिया। भाजपा नेता, जिन्हें हाल ही में नरेंद्र मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया था और शिवसेना के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ठाकरे 15 अगस्त को राज्य के लोगों के लिए अपने संबोधन के दौरान स्वतंत्रता के वर्ष को भूल गए थे और अगर वह मौके पर मौजूद होते, तो उनके कान के नीचे रख देते।
राणे ने कहा था, ‘यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को आजादी का साल नहीं पता। वह अपने भाषण के दौरान स्वतंत्रता के वर्षों के बारे में पूछने के लिए पीछे झुक गए। मैं वहां होता तो (उसे) एक जोरदार तमाचा मार देता।’ राणे ने कहा कि ठाकरे को उस दिन भाषण के दौरान बीच में ही अपने सहयोगियों के साथ आजादी का साल देखना था।
राणे की टिप्पणी के बाद सत्तारूढ़ शिवसेना की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली, जिसके कार्यकर्ताओं ने मुंबई और अन्य स्थानों पर कई पोस्टर लगाए, उन्हें ‘मुर्गी चोर’ बताया। इसके पीछे पांच दशक पहले चेंबूर में उनके द्वारा चलाई गई मुर्गी की दुकान का संदर्भ था, वो भी बाल ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ कार्यकाल चलाते वक्त।
शिवसेना के रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग के सांसद विनायक राउत ने कहा कि राणे ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व को खुश करने के लिए राणे शिवसेना और उसके नेताओं पर हमले करते रहे हैं। मोदी के नेतृत्व वाले मंत्रालय में शामिल होने के बाद उन्होंने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है। मोदी को उन्हें बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए।
बता दें कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की अगुवाई में महाराष्ट्र विकास अघाड़ी की सरकार चल रही है। इसमें एनसीपी और कांग्रेस का भी साथ है। वहीं, भाजपा कोरोना व अन्य मुद्दों को लेकर उद्धव ठाकरे सरकार पर हमलावर है।