सोपोर में सुरक्षाबलों ने गत सोमवार शाम को आतंकी हमले की साजिश नाकाम बनाते हुए लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया। तीनों रात को कुछ खास लोगों की टारगेट किलिंग के अलावा सुरक्षाबलों की नाका पार्टी पर हमले को अंजाम देने वाले थे। इनसे तीन पिस्तौल और लगभग 79,800 रुपये की नकदी भी मिली।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि सोपोर पुलिस को शाम को अपने तंत्र से पता चला था कि लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकी सोपोर में रात होते ही टारगेट किलिंग की साजिश को अंजाम देने वाले हैं। वह वडूरा इलाके में सुरक्षाबलों की नाका पार्टी पर भी हमला कर सकते हैं। पुलिस ने सेना की 22 आरआर व सीआरपीएफ जवानों के साथ मिलकर वडूराबाला गांव के पास सोनारवानी पुल पर नाका लगाया। सूर्यास्त के बाद करीब साढ़े सात बजे नाका पार्टी ने तीन संदिग्ध युवकों को पुल की तरफ आते देखा।
जवानों ने संदिग्ध युवकों को चेतावनी देते हुए रुकने को कहा। तीनों संदिग्ध युवक समझ गए कि नाका उनके लिए ही है। उन्होंने तुरंत पीछे भागने का प्रयास किया और सुरक्षाबलों को रोकने के लिए कथित तौर पर गोलियां भी चलाई। पीछा कर रहे जवानों ने खुद को बचाते हुए पूरा संयम बरता। आम लोगों की मौजूदगी को ध्यान में रखते हुए गोली नहीं चलाई और अपनी पेशेवर योग्यता साबित करते हुए तीनों युवकों को पकड़ लिया।
तीनों की तलाशी ली गई तो उनके पास से तीन पिस्तौल, तीन मैगजीन, 22 कारतसू, एक ग्रेनेड और 79800 रूपये मिले। सुरक्षाबलों ने जब पूछताछ की तो पता चला कि तीनों लश्कर के वही आतंकी है ,जिनके बारे में सूचना मिलने पर नाका लगाया गया था।
पुलिस ने इनकी पहचान तुफैल अहमद मीर पुत्र अब्दुल मजीद मीर निवासी गुंड मोहल्ला, बारात कलां, ओवैस अहमद मीर पुत्र हसन मीर निवासी मीर मोहल्ला, बारात कलां और शब्बीर अहमद वागे पुत्र नजीर अहमद वागे निवासी मस्जिद मोहल्ला, पेथाबग के रूप में की है। प्रारंभिक जांच में इन तीनों आतंकियों ने यह बात स्वीकार की कि वे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हैं। पुलिस स्टेशन, बोमई में तीनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच अभी जारी है। पूछताछ के आधार पर आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियों होने की भी संभावना जताई जा रही है।