नई दिल्ली दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर पर पंजाब के दलित युवक लखबीर सिंह की हत्या के मुद्दे पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी सामने आए हैं। एक दिन बाद मीडिया से रूबरू होने के दौरान किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जिस व्यक्ति ने हत्या कि उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है और पुलिस ने उसे गिरफ़्तार कर लिया है। इसमें और कौन लोग शामिल थे, वह अब जांच का विषय है। इसका आंदोलन पर असर नहीं पड़ेगा।
घटना से किसान मोर्चा ने झाड़ा पल्ला
आंदोलन स्थल पर जिस बेरहमी से हत्याकांड को अंजाम दिया गया है, उसकी चारों ओर निंदा हो रही है। ऐसे में संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने खुद को अलग कर दिया है। पुलिस कार्रवाई का अंदेशा होते ही शुक्रवार दोपहर को मोर्चा नेताओं ने आपात बैठक बुलाई। उसके बाद प्रेसनोट जारी कर कहा गया है कि हत्या की वारदात से मोर्चा का कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस जो भी कानूनी कार्रवाई अमल में लाती है, मोर्चा समर्थन करेगा।
पोस्टमार्टम की कराई गई वीडियोग्राफी
पुलिस ने दोपहर तक लखबीर सिंह के स्वजन के आने का इंतजार किया, लेकिन वह नहीं पहुंचे। उसके बाद पोस्टमार्टम कराने की तैयारी की गई। सीएमओ ने तीन चिकित्सकों की टीम बनाकर पोस्टमार्टम कराया। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई। सूत्रों ने बताया कि लखबीर के शरीर पर करीब 22 घाव मिले। इनमें से 10 घाव बड़े और गहरे हैं। उसकी मौत गहरे घाव होने और अत्यधिक रक्तस्नाव के कारण हुई। उसकी मौत सुबह साढ़े चार और पांच बजे के बीच हुई
लखबीर से अलग रह रहे थे पत्नी-बच्चे
सोनीपत पुलिस जांच में पता चला कि लखबीर सिंह जब छह माह का था उसे उसके फूफा हरनाम सिंह ने गोद ले लिया था। लखबीर सिंह की तीन बेटियां हैं, लेकिन पत्नी बेटियों सहित गत पांच वर्षों से उससे अलग रह रही थी। फिलहाल लखबीर सिंह अपनी दिवंगत बहन के घर तरनतारन में रह रहा था। बताया गया है कि वह नशे का आदि था और नशे की जरूरत पूरी करने के लिए घर का सामान भी बेच दिया करता था। गत सप्ताहभर से वह धरनास्थल पर आया था और निहंगों के बीच रह रहा था। पुलिस पूरी जानकारी जुटा रही है।