नई दिल्ली, केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को खत्म किए जाने को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के धरना प्रदर्शन को आज 11 माह पूरे हो चुके हैं। इस आंदोलन के दौरान कई किसानों की मौत भी हुई। किसान नेताओं की ओर से इन मृतकों को शहीदों का नाम दिया गया है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इस मौके पर कहा कि ऐसे ही शहीद किसानों के दम पर आज किसान सीमाओं पर मजबूती से डटे हुए हैं। वो कई बार किसानों को आंदोलन को तेज करने की अपील भी कर चुके हैं। अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट ट्विटर पर ट्वीट करते हुए लिखा कि आज दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों को 11 माह पूरे हो चुके है। आंदोलन के शहीदों को नमन करता हूं। इन शहीदों के दम पर ही आज किसान सीमाओ पर मजबूती से डटे है
उसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया इसमें फिर लिखा कि काले कृषि कानूनों की वापसी और MSP पर जब-तक गारंटी कानून नहीं बनाएं जाते तब तक आंदोलन जारी रहेगा।, राकेश टिकैत कृषि कानूनों को खत्म किए जाने तक आंदोलन जारी रखने की बात पहले भी कई बार कह चुके हैं, अब 11 माह पूरे होने पर उन्होंने अपनी इस बात को फिर से दोहराया। इससे पहले भी वो कई बार इस बात को कह चुके हैं कि जब तक केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती है तब तक वो घर वापस नहीं जाएंगे। आंदोलन स्थल पर जुटे किसान भी तब तक अपनी घर वापसी नहीं करेंगे।
भारतीय किसान यूनियन की ओर से आज 26 जनवरी के लिए अपने ट्विटर हैंडल से ये भी ऐलान किया गया था कि वो सभी जिला मुख्यालयों पर लखीमपुर खीरी मामले में आरोपित गृहराज्यमंत्री अजय टेनी की गिरफ्तारी को लेकर आंदोलन किया जाएगा। इसके लिए सभी कार्यकर्ताओं से आंदोलन के लिए तैयारी करने को भी कहा गया था। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से किसानों की मांग को देखते हुए उनसे कई दौर की बातचीत की जा चुकी है मगर अब तक उसका सर्वमान्य हल नहीं निकल सका है। किसान नेता अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं।