कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण पंजाब में 10वीं, 12वीं की परीक्षाएं टलीं

नई दिल्ली, एक तरफ देश में कोरोना महामारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान चल रहा है, वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु में बढ़ते संक्रमण ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। 78 फीसद से ज्यादा मामले इन्हीं पांच राज्यों से आ रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार संक्रमण को देखते हुए फिर सख्ती बरतने की तैयारी कर रही है। पुणे, नागपुर और औरंगाबाद ने नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। वहीं, पंजाब सरकार ने 12वीं और 10वीं कक्षाओं की बोर्ड परीक्षाएं टालने का फैसला किया है। जबकि मध्य प्रदेश में नाइट कर्फ्यू पर आज फैसला आ सकता है। देश में बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को मुख्‍यमंत्रियों के साथ बातचीत करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री कह चुके हैं कि कोरोना से बचाव के उपायों के प्रति लापरवाही से ये मामले बढ़ रहे हैं।

महाराष्ट्र में कोरोना के मामले 23 लाख को पार कर गए हैं। राज्य सरकार ने महामारी को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन के बजाय 50 फीसद सख्त प्रतिबंध लागू किया है। महाराष्ट्र के कुछ शहरों में लाकडाउन के साथ नाइट कफ्र्यू भी लगाया गया है। होटल, रेस्तरां, सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स को केवल 50 प्रतिशत क्षमता पर संचालित करने की अनुमति दी गई है। इसके अलावा सभी सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। शादियों में लोगों की संख्या को 50 और शोकसभाओं में 20 कर दिया गया है। नागपुर में सोमवार को कड़ी पाबंदियों के साथ एक सप्ताह के लिए लॉकडाउन लगा दिया गया है। इस दौरान मास्क नहीं पहनने पर सैकड़ों लोगों पर जुर्माना लगाया गया।

महाराष्ट्र से आने वालों की एयरपोर्ट पर जांच जरूरी

महाराष्ट्र में कोरोना के मामलों में लगातार वृद्धि के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। इंदौर और भोपाल में नाइट कर्फ्यू लगाने पर आज फैसला लिया जा सकता है। उधर, महाराष्ट्र से राज्य में आने वाले लोगों को सात दिन क्वारंटाइन करने के निर्देश जारी किए हैं। हवाई जहाज से यहां आने वाले लोगों को 48 घंटे पहले कोविड-19 की जांच करवानी जरूरी है, लेकिन बस, ट्रेन और निजी वाहन से आने वाले लोगों के लिए किसी तरह की जांच का कोई इंतजाम नहीं है। हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समीक्षा बैठक में महाराष्ट्र की सीमा पर मौजूद जिलों में सख्ती करने और वहां से आने वाले यात्रियों को 7 दिनों के लिए क्वारंटाइन करने को कहा है।

पंजाब बोर्ड की परीक्षाएं आगे बढ़ीं

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। पंजाब सरकार ने स्कूल शिक्षा बोर्ड की मार्च महीने में ली जाने वाली बोर्ड परीक्षाओं को आगे टाल दिया है। अब 12वीं और 10वीं कक्षाओं की बोर्ड परीक्षाएं अप्रैल और मई में ली जाएंगी। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के मुताबिक कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण 22 मार्च से शुरू होने वाली 12वीं कक्षा की परीक्षा अब 20 अप्रैल से 24 मई तक होगी। वहीं, 10वीं की परीक्षा चार मई से 24 मई तक होगी। समय में कोई बदलाव नहीं किया गया है। राज्य में पाजिटिव मामले 199573 तक पहुंच गए हैं।

पंजाब से बिहार आने वालों को दिखानी होगी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट

दूसरे राज्यों में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए बिहार सरकार ने नए नियम लागू किए हैं। इशके तहत पंजाब, केरल और महाराष्ट्र से आने वाले लोगों को अपनी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट दिखानी होगी। यह व्यवस्था एयरपोर्ट के साथ ही रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर भी लागू रहेगी। बता दें, होली के मौके पर महाराष्ट्र, पंजाब और केरल जैसे राज्यों में बड़ी संख्या में रहने वाले बिहार के लोग अपने घर लौटेंगे। प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को भी बंद किए जाने पर विचार किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को स्कूलों को बंद करने की बैठक संभावित है।

 96.68 फीसद मरीज पूरी तरह ठीक

85 दिनों बाद सोमवार को देश में 26 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। इनमें से 63 फीसद से ज्यादा मामले अकेले महाराष्ट्र में ही मिले हैं। इसके अलावा तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और गुजरात में भी संक्रमण बढ़ रहा है। केरल में हजार से ज्यादा नए मामले जरूर आए हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों की तुलना में वहां मामले कम हो रहे हैं। देश में कुल संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर एक करोड़ 13 लाख 85 हजार को पार कर गया है। इनमें से एक करोड़ 10 लाख सात हजार से ज्यादा मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं और 1,58,725 लोगों की जान भी जा चुकी है। मरीजों के उबरने की दर घटकर 96.68 फीसद पर आ गई है और मृत्युदर 1.39 फीसद है।

जोरों पर टीकाकरण अभियान

भारत ने जारी टीकाकरण अभियान के तहत लाभार्थियों को कोरोना वैक्सीन की तीन करोड़ से ज्यादा खुराकें दी जा चुकी है। इनमें से 18 लाख से ज्यादा खुराक सोमवार को दी गईं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कुल तीन करोड़ 17 लाख 71 हजार 661 खुराकें दी जा चुकी हैं। लाभार्थियों में 74,08,521 स्वास्थ्यकर्मी (पहली खुराक), 43,97,613 स्वास्थ्यकर्मी (दूसरी खुराक), 74,26,479 फ्रंटलाइन वर्कर्स (पहली खुराक) और 13,23,527 फ्रंटलाइन वर्कर्स (दूसरी खुराक) शामिल हैं। इसले अलावा गंभीर बीमारियों से पीडि़त 45 वर्ष से अधिक आयु के 16,96,497 और 60 वर्ष से अधिक आयु के 95,19,024 लोगों को भी पहली खुराक दी गई है।

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