प्रधानमंत्री मोदी अहमदाबाद पहुंचे, केवडि़या में सैन्य कमांडरों की कांफ्रेंस को करेंगे संबोधित

नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुजरात के अहमदाबाद पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुजरात के केवडि़या में सैन्य कमांडरों की कांफ्रेंस को संबोधित करेंगे। इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी उपस्थित रहेंगे। बृहस्पतिवार से यह तीन दिवसीय समारोह गुजरात के नर्मदा जिले के केवड़िया में हो रहा है, जहां सरदार बल्लभ भाई पटेल की मूर्ति स्थापित की गई है।

अहमदाबाद पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुजरात के अहमदाबाद पहुंचे।अहमदाबाद एयरपोर्ट पहुंचने पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत, सीएम विजय रूपानी और डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने उनकी अगवानी की। पीएम इस दौरान चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर सेना की तैयारियों का जायजा लेंगे और सेना के तीनों अंगों की एकीकृत कमान बनाए जाने के मामले में प्रगति की समीक्षा करेंगे। यह पहली बार है जब कमांडर कांफ्रेंस में शीर्ष अधिकारियों के साथ जवान भी भाग ले रहे हैं।

इस कांफ्रेंस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्रालय तथा सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारी शुक्रवार को शिरकत कर चुके हैं। यहां चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, थल सेना अध्यक्ष एम एम नरवाने, वायु सेना प्रमुख आर के एस भदौरिया और नौ सेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह की भी मौजूदगी है।

संयुक्त कमांडरों के कार्यक्रम में शामिल हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सशस्त्र बलों के संयुक्त कमांडरों के विवेचना सत्र में शामिल हुए। गुजरात के केवडि़या में चल रहे संयुक्त कमांडर सम्मेलन 2021 में इस सत्र का आयोजन किया गया था। भारतीय सेना के अतिरिक्त सूचना महानिदेशक ने ट्वीट किया, ‘रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह केवडि़या में चल रहे संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन में शीर्ष स्तर के सैन्य नेतृत्व के साथ शामिल हुए। उद्घाटन भाषण में, रक्षा मंत्री ने देश की रक्षा और सुरक्षा को प्रभावित करने वाले व्यापक परिपेक्ष्य के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कराया।’

आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक केवडि़या पहुंचने के तुरंत बाद रक्षा मंत्री देश के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को श्रद्धांजलि देने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी गए। विक्षप्ति में कहा गया है कि रक्षा मंत्री दो विवेचना सत्रों में शामिल हुए। उन्होंने देश के सामने पैदा हो रही सैन्य चुनौतियों और उससे निपटने में सेना की अहम भूमिका का उल्लेख किया। साथ ही भविष्य में युद्ध की प्रकृति में संभावित बदलाव का भी जिक्र किया। चीनी सेना के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव के दौरान सैनिकों के साहस और बहादुरी की सराहना की।

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