तीन दिन तक लगातार बारिश और बर्फबारी के बाद प्रदेश में मौसम का मिजाज कुछ सुकून देने वाला रहा। धूप खिलने से लोगों ने काफी राहत महसूस की। हालांकि, दून और मसूरी में दोपहर बाद फिर से बर्फीली हवाएं चलने लगीं। जिससे धूप में भी लोगों की कंपकंपी छूट गई।
वहीं, मसूरी में हुए हिमपात से दुश्वारियां बरकरार हैं। रातभर शहर के अधिकांश हिस्से में बत्ती गुल रही। सुबह के समय नलों में पानी जम गया। उधर, धनोल्टी और चकराता में भारी बर्फबारी के कारण मार्ग बंद है। जिससे धनोल्टी में बाहरी राज्यों के 20 पर्यटक फंसे हुए हैं। यहां दिनभर सड़क से बर्फ हटाने का कार्य चलता रहा। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार 10 से 12 जनवरी तक प्रदेश में आसमान साफ रहने की संभावना है, लेकिन 12 जनवरी की शाम मौसम फिर करवट बदल सकता है।
केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने 11 और 12 जनवरी को प्रदेश के मैदानी इलाकों में मध्यम से घना कोहरा छाए रहने और कड़ाके की ठंड पड़ने की चेतावनी जारी की है। नौ जनवरी को देहरादून का अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 16.2 व 4.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। 10 जनवरी को अधिकतम तापमान 18 डिग्री और न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
बर्फबारी से यहां आफत
भारी बर्फबारी के कारण जौनसार-बावर के हनोल, लाखामंडल, त्यूणी बाजार, कथियान, लोखंडी, कनासर, चकराता, नागथात और जाड़ी समेत आसपास के गांवों में दुश्वारियां बढ़ गई हैं। यहां सड़कें बर्फ से अटी पड़ी हैं। जिससे पर्यटक चकराता व लोखंडी नहीं पहुंच पा रहे हैं। मसूरी-चकराता-त्यूणी हाईवे पर भी यातायात बाधित है। चंबा-मसूरी और सुरकंडा-देहरादून मार्ग भी बर्फबारी के बाद से बंद है।
मसूरी में जेसीबी से खुलवाईं सड़कें
भारी बर्फबारी के कारण मसूरी के अधिकांश मार्गों पर यातायात ठप हो गया था। जिसमें मसूरी-देहरादून हाईवे के अलावा लाइब्रेरी-किंक्रेग व मैसानिक लॉज-किंक्रेग, मसूरी-कैम्पटी रोड और माल रोड भी शामिल हैं। जेसीबी की मदद से इन सड़कों से बर्फ हटाई गई, तब जाकर यातयात शुरू हुआ। वहीं, कैम्पटी, यमुना पुल, बंदरकोट, परोगी, गरखेत, घाटी और थत्यूड़ से मसूरी में दूध, सब्जियों आदि की आपूर्ति नहीं सकी। लाइब्रेरी-कंपनी गार्डन, लाइब्रेरी-वेवरली-हाथीपांव-जॉर्ज एवरेस्ट मार्ग बंद हैं। लंढौर, लालटिब्बा, चार दुकान में भी वाहनों की आवाजाही नहीं हो सकी।
एनएच पर पत्थर गिरने से एक घंटे यातायात बाधित
श्रीनगर से रुद्रप्रयाग नेशनल हाईवे पर सिरोहबगड़ पिछले 25-30 सालों से समस्या बना हुआ है, वहीं अब फरासू के पास हनुमान मंदिर के समीप नेशनल हाईवे पर पहाड़ी से गिर रहे बोल्डर परेशानी का कारण बन रहे हैं। नौ जनवरी को भी पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण लगभग एक घंटे तक यातायात बाधित रहा। श्रीनगर से लगभग आठ किमी दूर रुद्रप्रयाग की ओर नेशनल हाईवे पर हनुमान मंदिर के समीप पहाड़ से जब तब पत्थर और बोल्डर गिरने शुरू हो जाते हैं, जिससे यातायात भी बाधित होता है।
श्रीनगर जलविद्युत परियोजना की झील से यह स्थल लगा होने के कारण समस्या और विकट हो जाती है। एनएच पर यह बना यह भूस्खलन जोन सिरोहबगड़ की भांति ही सुगम यातायात में जब तब समस्या पैदा कर रहा है। लोनिवि एनएच डिवीजन के वरिष्ठ सहायक अभियंता राजीव शर्मा ने कहा कि इस भूस्खलन क्षेत्र का तकनीकी अध्ययन सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट दिल्ली के वैज्ञानिकों से कराया गया है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर ट्रीटमेंट संबंधी प्रस्ताव स्वीकृति के लिए शीघ्र ही केंद्रीय परिवहन मंत्रालय को भेजा जा रहा है।
पुलिस ने दून 70 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला
पहाड़ में भारी बर्फबारी पर्यटकों के लिए भी मुसीबत लेकर आई। देहरादून से बर्फबारी का आनंद उठाने पहुंचे 70 पर्यटक जौनपुर ब्लॉक के सकलाना क्षेत्र में आठ जनवरी की रात सड़क बंद होने से फंस गए। इन्हें पुलिस ने रेसक्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। उधर, धनोल्टी में 20 और उत्तरकाशी के सांकरी में 10 पर्यटक फंसे हुए हैं। बर्फबारी के कारण सकलाना क्षेत्र में सड़क बंद हो गई। इससे 13 वाहन वहीं फंस गए, जिनमें 70 लोग थे। किसी ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से इन लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
देहरादून से आए पर्यटकों के लिए रात रहने की व्यवस्था की। नौ जनवरी सुबह मौसम सही होने पर इन लोगों को देहरादून की ओर रवाना किया गया। एसएसपी टिहरी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि सूचना मिलने पर पुलिस टीम पैदल ही मौके पर पहुंची और पर्यटकों के वाहनों को बर्फ से निकाला और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। बर्फबारी के चलते नई टिहरी, धनोल्टी और चंबा में दर्जनों वाहन फंस गए। बर्फ के कारण वाहन फंसे रहे। जेसीबी ने जब सड़कों से बर्फ हटाई तो उसके बाद ही वाहन निकाले गए। अधिकांश लोग मोबाइल भी स्विच ऑफ होने के कारण परेशान रहे। वहीं चंबा और देहरादून जाने वाले लोग भी कोटी कॉलोनी रूट से चंबा होते हुए आगे गए। सकलाना क्षेत्र में भी दस पर्यटक फंसे।
उत्तरकाशी में बर्फबारी का आनंद लेने के लिए सांकरी केदारकांठा पहुंचे पर्यटक सांकरी से लौट नहीं सके। भारी बर्फबारी के कारण इन पर्यटकों को सांकरी में ही होटल व होम स्टे में ठहरना पड़ा। दिल्ली से आए ये पर्यटक अपने घरों में भी फोन नहीं कर पा रहे हैं। मोरी से सांकरी तक मार्ग खुलने की उम्मीद है, जिसके बाद ये पर्यटक लौट सकेंगे। वहीं जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने कहा कि जो पर्यटक पर्यटन स्थलों पर है वे बर्फबारी का आनंद लेने के लिए गए हैं।
बर्फबारी से कैदियों की पेशी भी हुई बाधित
बर्फबारी का असर सामान्य जनजीवन के साथ ही प्रशासनिक कार्यों पर भी पड़ा है। अत्यधिक बर्फबारी के चलते वाहन न चल पाने के कारण जिला जेल के कैदी न्यायालय में पेश नहीं हो पाए। अब उक्त कैदी अगली तारीख को न्यायालय में पेश होंगे। बर्फबारी के चलते जनपद क्षेत्र में कई सड़कों पर यातायात ठप है। वहीं कुछ सड़क मार्गों पर दोपहर बाद यातायात सुचारू हो पाया।
बर्फबारी के चलते यातायात बंद होने से इसका प्रभाव सामान्य जनजीवन के साथ ही प्रशासनिक कार्यों पर भी पड़ा। जिला जेल के करीब 12 कैदियों को न्यायालय में पेश होना था, लेकिन यहां बर्फबारी के चलते वाहनों का आवागमन बंद था, जिससे उक्त सभी कैदी न्यायालय नहीं जा पाए। उप कारागार अधीक्षक डीपी सिन्हा ने बताया कि वाहन न चलने के कारण कैदी कोर्ट में पेश नहीं हो पाए। न्यायालय में अब अगली तारीख पर पेशी होगी।
उत्तरकाशी में गंगोत्री राष्ट्रीय राज्य मार्ग ऋषिकेश से भटवाड़ी गंगनानी तक मार्ग यातायात सुचारु है। उससे ऊपर बर्फबारी के कारण मार्ग बाधित है और मार्ग खोलने का प्रयास किया जा रहा है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग सिल्क्यारा राड़ी टॉप से ओरछा बैंड तक, बड़कोट यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग स्यानाचट्टी से ऊपर, सुवाखोली मोटर मार्ग और लंबगांव मोटर मार्ग बर्फबारी के कारण बाधित है।
सूबे में धूप खिलने से लोगों ने काफी राहत महसूस की। हालांकि, दून और मसूरी में दोपहर बाद फिर से बर्फीली हवाएं चलने लगीं। जिससे धूप में भी लोगों की कंपकंपी छूट गई।