पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रद्रोह मामले में सजा के खिलाफ पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की अपील पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। मुशर्रफ ने विशेष न्यायाधिकरण के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। विशेष न्यायाधिकरण ने राजद्रोह मामले में मुशर्रफ को दोषी करार देते हुए उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। हालांकि, लाहौर हाईकोर्ट ने बीते 13 जनवरी को विशेष अदालत के फैसले को असंवैधानिक करार दिया था।
एक सूत्र ने शुक्रवार को पाकिस्तानी अखबार डॉन न्यूज को बताया कि देश की शीर्ष अदालत के कार्यालय ने इस आधार पर याचिका वापस कर दी कि जब तक याचिकाकर्ता खुद आत्मसमर्पण नहीं करता तब तक उसकी याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता है। अब मुशर्रफ के वकील की ओर से याचिका वापस करने के रजिस्ट्रार के फैसले के खिलाफ जल्द अपील दाखिल किए जाने की संभावना है। बीते बृहस्पतिवार को मुशर्रफ ने शीर्ष अदालत का रुख किया था। मुशर्रफ के वकील सलमान सफदर Barrister Salman Safdar ने अपनी याचिका में फैसले को खारिज करने की अपील की थी।
लाहौर हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा कानून के मुताबिक नहीं चलाया गया था। इसके साथ ही अदालत ने मुशर्रफ की मौत की सजा माफ कर दी थी। अजहर सिद्दीकी ने 76 वर्षीय मुशर्रफ की तरफ से हाई कोर्ट में 86 पेज की याचिका दाखिल की थी। मुशर्रफ की याचिका में न्यायाधिकरण के फैसले को संविधान का उल्लंघन बताया गया था। बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) सरकार ने नवंबर 2007 में पूर्व सेना प्रमुख मुशर्रफ के खिलाफ देश पर संवैधानिक आपातकाल थोपने पर राजद्रोह का केस दाखिल किया था। फिलहाल, मुशर्रफ दुबई के एक अस्पताल में अपना इलाज कर रहे हैं।