नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा तीन दिनों के लिए भारत आ रहे हैं। 1 से 3 अप्रैल तक का यह दौरा नेपाल और भारत के बीच रहे दशकों पुराने संबंध को और मजबूत बनाने का काम करेगा। बता दें कि तभी दोनों देशों ने साल 1950 में शांति और मित्रता के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था।
नेपाल के विदेश मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देउबा को भारत आने का निमंत्रण दिया था। इसके बाद ही देउबा व उनकी पत्नी आरजू राणा देउबा भारत आ रहे हैं। उनके साथ विदेश मंत्री नारायण खडका के अलावा अन्य वरिष्ठ मंत्रियों, सचिवों और शीर्ष सरकारी अधिकारियों वाला एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी तीन दिनों के लिए भारत में होंगे।
भारत में नेपाल के पीएम देउबा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे। साथ ही प्रतिनिधिमंडल स्तर की भी बातचीत होगी। देउबा यहां के विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से भी मिलेंगे। उल्लेखनीय है कि देउबा के लिए प्रधानमंत्री मोदी एक भोज की भी मेजबानी करेंगे। अधिकारियों के अनुसार, नई दिल्ली में देउबा उद्योगपतियों की एक बैठक को भी संबोधित करेंगे। तीन अप्रैल को काठमांडू लौटने से पहले वह वाराणसी जाएंगे। इससे पहले जनवरी माह में देउबा गुजरात में प्रस्तावित एक व्यापार शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने वाले थे जो कोरोना संक्रमण के कारण रद हो गई।
बता दें कि स्काटलैंड के ग्लासगो में पिछले साल नवंबर में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन से इतर देउबा और मोदी की मुलाकात हुई थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-नेपाल संबंधों के कई पहलुओं पर ‘सार्थक बातचीत’ की थी। देउबा ने कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में नेपाल को जरूरी चिकित्सा सामग्री और कोविड रोधी टीकों की आपूर्ति करने के लिए मोदी का आभार जताया था। 2014 में किए गए आकलन के अनुसार करीब 6 लाख भारतीय नागरिक नेपाल में रह रहे हैं वहीं करीब 80 लाख नेपाली नागरिक भारत में रहते हैं और काम करते हैं।