देहरादून। उत्तराखंड में लगातार दूसरे दिन भी एक हजार से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। 24 घंटे में 10387 सैंपलों की जांच की गई, जिसमें 1015 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए है। नए संक्रमित मरीजों की तुलना में 521 ठीक हुए हैं। वहीं, पांच कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। अब कुल संक्रमितों की संख्या 28226 हो गई है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, गुरुवार को 10387 सैंपलों की जांच रिपोर्ट आई है। इसमें 9372 सैंपल निगेटिव मिले हैं। वहीं, आज देहरादून जिले में सबसे अधिक 275 कोरोना मरीज मिले हैं। ऊधमसिंह नगर में 248, हरिद्वार में 157, पौड़ी में 58, पिथौरागढ़ में 41, रुद्रप्रयाग में 30, अल्मोड़ा में 24, चमोली में 24, टिहरी में 21, बागेश्वर में 18, उत्तरकाशी में एक संक्रमित मिला है। चंपावत जिला में कोई संक्रमित नहीं मिला है। प्रदेश में आज पांच कोरोना मरीजों की मौत हुई है। मुख्यमंत्री के ओएसडी ऊर्वादत्त भट्ट की संक्रमित पत्नी वर्षा गोनियाल की भी मौत हुई है। कोरोना से मरने वालों की संख्या 377 हो गई है। वहीं, 521 कोरोना मरीजों को इलाज के बाद घर भेजा गया। इनहें मिला कर अब तक 18783 मरीज ठीक हो चुके हैं। प्रदेश के मैदानी जिलों में कोरोना वायरस बेकाबू हो गया है। एक ही दिन में देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिले में 798 कोरोना मरीज मिले हैं। संक्रमित मरीजों की तुलना में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या कम है। इससे प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या कुल 8955 हो गई है।
प्रदेश में सैंपलिंग बढ़ने के साथ कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। एक माह के भीतर राज्य में संक्रमण दर 1.31 प्रतिशत बढ़ी है। वहीं, रिकवरी दर 70 प्रतिशत से कम है। नए संक्रमित मरीजों की तुलना में ठीक होने वालों की संख्या कम होने सक्रिय मामले बढ़ रहे हैं। अस्पतालों पर इलाज का दबाव बढ़ रहा है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 15 मार्च को मिला था। तब से लेकर वर्तमान में 4.60 लाख लोगों की जांच गई है। 27 हजार से अधिक लोग संक्रमित मिले। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सरकार का फोकस सैंपल जांच बढ़ाने पर है। पहले की तुलना में राज्य में कोविड सैंपलों की जांच बढ़ी है। प्रतिदिन औसतन नौ हजार सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। जांच तेज होने से संक्रमण दर का ग्राफ बढ़ रहा है। एक माह पहले जहां प्रदेश में संक्रमण दर 4.62 प्रतिशत थी। वहीं अब संक्रमण दर 5.93 प्रतिशत हो गई है। संक्रमित मरीजों की रफ्तार यही रही तो संक्रमण दर छह प्रतिशत से अधिक हो जाएगी।