लखनऊ पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का लंबा राजनीतिक जीवन, उनके फैसले आमजन के लिए यादगार हैं तो पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी उन्हें लेकर गौरवान्वित है। पार्टी के दिग्गज नेता के निधन पर प्रोटोकाल की औपचारिकताएं किनारे कर श्रद्धांजलि देने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद शब्दों से कल्याण की क्षमता और स्वीकार्यता के इतिहास का सारांश सुना दिया। उन्हें जनसामान्य के विश्वास का प्रतीक बताते हुए कहा कि जीवनभर जनकल्याण के लिए जीने वाले कल्याण ने अपने माता-पिता से मिले नाम को सार्थक किया।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार सुबह लगभग 11 बजे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ माल एवेन्यू स्थित उनके आवास पर पहुंचे। वहां पार्थिव देह पर पुष्पार्चन कर स्वजन को ढांढ़स बंधाया। यहां भावांजलि अर्पित करते हुए कहा कि यह हम सबके लिए शोक की घड़ी है। उनके माता-पिता ने उनका नाम कल्याण सिंह रखा था। माता-पिता के दिए नाम को उन्होंने सार्थक किया। वह जीवनभर जन कल्याण के लिए जिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जनकल्याण को ही जीवन का मूलमंत्र बनाया। भारतीय जनता पार्टी, भारतीय जनसंघ, पूरे परिवार को एक विचार और देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए समर्पित किया। राम मंदिर आंदोलन के इस नायक को याद करते हुए मोदी ने कहा कि कल्याण सिंह भारत के कोने-कोने में एक विश्वास का नाम बन गए थे। एक प्रतिबद्ध निर्णयकर्ता का नाम बन चुके थे। जीवन के अधिकतम समय वे जनकल्याण के लिए प्रयत्नरत रहे। उनको जब भी जो दायित्व मिला, चाहे वो विधायक के रूप में, चाहे सरकार में उनका स्थान हो, चाहे गवर्नर की जिम्मेदारी हो, हमेशा प्रेरणा का केंद्र बने। जनसामान्य के विश्वास का प्रतीक बने।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश ने मूल्यवान शख्सियत और सामथ्र्यवान नेता खो दिया। हम उनकी भरपाई के लिए उनके आदर्शों, उनके संकल्पों को लेकर अधिकतम पुरुषार्थ करें और उनके सपनों को पूरा करने में कोई कमी न रखें। प्रभु राम कल्याण सिंह जी को अपने चरणों में स्थान दें और प्रभु राम उनके परिवार को दुख की घड़ी में इस दुख को सहन करने की शक्ति दें। देश में भी यहां के मूल्यों, आदर्शों, परंपराओं में विश्वास करने वाले हर दुखी जन को प्रभु राम ढांढ़स दें।
नकल विरोधी कानून में थी अहम भूमिका : कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देने उनके आवास पर पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उनके मुख्यमंत्रित्व काल को याद कर संस्मरण साझा किए। बताया कि वह कल्याण सिंह सरकार में शिक्षामंत्री थे। एक बार नकल विरोधी कानून कैबिनेट के समक्ष पेश किया गया। उस विधेयक को लेकर कैबिनेट के कुछ सदस्यों के विचारों में भिन्नता आई। यह विचार किया गया कि इस विधेयक को फिलहाल स्थगित कर दिया जाए, लेकिन वह जब भाईसाहब (कल्याण सिंह) से मिले तो उन्होंने कैबिनेट की अगली बैठक में इस प्रस्ताव को बीच से निकालकर कहा कि इस पर कोई चर्चा नहीं होगी। नकल विरोधी कानून जो लागू हुआ, उसमें कल्याण सिंह की बहुत अहम भूमिका रही। राजनाथ ने कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन में भी उनकी सक्रिय व प्रभावी भूमिका रही। उनके दिल की तमन्ना थी कि धरती पर प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनना चाहिए। शिलान्यास हो गया, निर्माण भी शुरू हो गया, लेकिन यह विडंबना है कि उस भव्य राम मंदिर में वह रामलला के दर्शन नहीं कर पाए।
मायावती भी पहुंचीं श्रद्धांजलि देने : बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती भी श्रद्धांजलि देने सुबह ही पहुंच गईं। उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह जी के निधन पर हमारी पार्टी दुख प्रकट करती है और कुदरत से यह प्रार्थना करती है कि उनके अनुयायियों व उनके परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे।