देहरादून। उच्च शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत एकेडमिक क्रेडिट्स बैंक की स्थापना उत्तराखंड में भी की जाएगी। उच्च शिक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों के एकेडमिक क्रेडिट्स खाते खोले जाएंगे। डा रावत ने केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति के तहत यूजीसी की ओर से एकेडमिक क्रेडिट्स बैंक की स्थापना और संचालन की अधिसूचना जारी होने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि इस कदम से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए जा सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह क्रांतिकारी फैसला लिया है। इसके लागू होने से देशभर में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई अहम बदलाव आएंगे। विद्यार्थी स्वेच्छा से पाठ्यक्रम चुन सकेंगे।
राज्य में कार्ययोजना बनाने के निर्देश
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा की कार्ययोजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत तैयार करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए गए हैं। एकेडमिक क्रेडिट खाते खुलने के बाद विद्यार्थी अध्ययन किए गए पाठ्यक्रमों से अर्जित शैक्षणिक क्रेडिट्स को स्टोर और ट्रांसफर कर सकेंगे। इन्हीं स्कोर के आधार पर विश्वविद्यालय अथवा स्वायत्त महाविद्यालय विद्यार्थियों को डिग्री, डिप्लोमा या प्रमाणपत्र प्रदान करेंगे। विद्यार्थी यदि कालेज बीच में छोड़ देता है तो उसकी पढ़ाई बेकार नहीं जाएगी। वह दोबारा पढ़ाई शुरू करना चाहता है तो उसकी व्यवस्था भी नई शिक्षा नीति के अंतर्गत की गई है।
बैंक के जमा खाते की तरह होगा क्रेडिट बैंक
डा रावत ने कहा कि क्रेडिट बैंक एकदम बैंक के जमा खाते की तरह ही होगा, जिसमें छात्रों को क्रेडिट सत्यापन, क्रेडिट संचयन, क्रेडिट हस्तांतरण या इन्हें भुनाने के साथ एकेडमिक अवार्ड के प्रमाणीकरण जैसी सेवाओं का लाभ मिलेगा।