देहरादून : मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आज शुक्रवार को प्रदेश के दो जिलों में भारी हो सकती है। पहाड़ से लेकर मैदान तक कहीं-कहीं हल्की बौछार पड़ने की ही सूचना है।
वहीं देहरादून में सुबह से बादल छाए हुए हैं और ऋषिकेश में बीती देर रात तक मूसलधार बारिश के बाद सुबह वर्षा थमी। यहां बादल छाए हैं। मसूरी में भी पूरी रात बारिश हुई। चमोली में रात्रि बारिश होने के बाद सुबह मौसम साफ रहा। बदरीनाथ हाईवे पर यात्रा सुचारू है। गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी यातायात के लिए सुचारू है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, प्रदेश में अगले कुछ दिन हल्की वर्षा का क्रम बना रह सकता है। शुक्रवार को बागेश्वर और पिथौरागढ़ में भारी वर्षा की संभावना है। अन्य जिलों में हल्की बौछारें पड़ सकती हैं। मैदानी क्षेत्रों में आंशिक से लेकर आमतौर पर बादल छाये रह सकते हैं।
आपदा को लेकर वन विभाग सतर्क, जारी किया टोल फ्री नंबर
मानसून सीजन में भारी वर्षा से वन क्षेत्रों में आने वाली आपदा को लेकर वन मुख्यालय सतर्क हो गया है। इसके तहत देहरादून के राजपुर रोड स्थित वन मुख्यालय में राज्य स्तरीय आपदा सूचना कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। साथ ही 24 घंटे सूचना के लिए विभाग ने टोल फ्री नंबर भी जारी किया है।
मुख्य वन संरक्षक वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन निशांत वर्मा ने बताया कि वन क्षेत्रों के करीब स्थित रिहायशी क्षेत्रों में पेड़ गिरने या भूमि धंसने जैसी स्थिति में वन विभाग को तत्काल सूचित करें। कंट्रोल रूम में टोल फ्री नंबर 180018041141, लैंडलाइन 01352744558 और वाट्सएप नंबर 9389337488, 7668304788 पर सूचित किया जा सकता है।
आपदा राहत को उच्च तकनीक का होगा इस्तेमाल
आपदा के दौरान राहत बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए अब उच्च तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग एक साफ्टवेयर और मोबाइल एप विकसित कर रहा है।
गुरुवार को सचिवालय स्थित आपदा प्रबंधन केंद्र में उच्च तकनीक आधारित माडल का प्रस्तुतिकरण दिया गया। बताया गया कि आपदा के समय प्रभावितों को देर से मदद मिलती है। उच्च तकनीक की मदद से इस समय को कम किया जा सकता है। इसके तहत जीपीएस और जीआइएस की मदद से आपदा प्रभावित क्षेत्र में जल्द अधिक मदद पहुंचाई जा सकती है। कहीं भूस्खलन व बाढ़ आती है तो इसकी जानकारी भी सिस्टम पर प्रदर्शित होगी। साथ ही मोबाइल एप का भी सहारा लिया जाएगा।
इस दौरान वाडिया भू विज्ञान संस्थान, दूरसंचार विभाग और एनआइसी के अधिकारियों ने अपने सुझाव दिया। बैठक में सचिव आपदा डा रंजीत सिन्हा, अपर सचिव डा आनंद श्रीवास्तव, अपर कार्यकारी अधिकारी जितेंद्र सोनकर व अधिशासी निदेशक डा पीयूष रौतेला उपस्थित थे।