देहरादून: उत्तराखंड में जापान इंटरनेशनल को-आपरेशन एजेंसी (जायका) के सहयोग से चल रही जायका परियोजना की अवधि दो वर्ष बढ़ा दी गई है। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने मंगलवार को वन मुख्यालय में हुई जायका परियोजना की समीक्षा बैठक के बाद यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 से चल रही 807 करोड़ की परियोजना इस वर्ष जुलाई में खत्म होनी थी, लेकिन पिछले दो साल कोरोना संकट के कारण कार्य बाधित रहे। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने इसकी अवधि दो वर्ष बढ़ा दी है। वन मंत्री उनियाल ने बताया कि परियोजना के अंतर्गत राज्य के वन क्षेत्रों में भूस्खलन की रोकथाम, वन पंचायतों और वन क्षेत्रों से लगे गांवों में आजीविका विकास, जल व मृदा संरक्षण जैसे कार्य किए जा रहे हैं।
अब तक 66 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि जायका की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि परियोजना के शेष रह गए कार्यों को उच्च गुणवत्ता के साथ जल्द से जल्द पूर्ण कराया जाए। उन्होंने जल संरक्षण से सबंधित कार्यों को अधिक महत्व देने पर जोर दिया।
वन मंत्री के अनुसार अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वन पंचायतों में आजीविका विकास के मद्देनजर पौधालयों की स्थापना पर ध्यान केंद्रित किया जाए। यह सुनिश्चित होना चाहिए कि इन पौधालयों से पौधों की खरीद विभाग स्वयं करे। उन्होंने बताया कि अधिकारियों से यह ब्योरा भी मांगा गया है कि परियोजना के अंतर्गत वन पंचायतों में जल एवं मृदा संरक्षण संबंधी कार्यों से कृषि एवं सिंचाई व्यवस्था में कितना सुधार हुआ है।
बैठक में प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु, वन विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल, प्रमुख वन संरक्षक एवं जायका परियोजना के सीईओ अनूप मलिक समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।