खाद्य मंत्री रेखा आर्य से शुक्रवार को राशन विक्रेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने मसूर दाल की बिक्री में घाटा उठाने की शिकायत की। विभागीय मंत्री इस मामले का परीक्षण करने के निर्देश सचिव बीएस मनराल को दिए।
खाद्य मंत्री रेखा आर्य से शुक्रवार को विधानसभा स्थित कार्यालय में आदर्श राशन डीलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। राशन विक्रेताओं ने खाद्य मंत्री को बताया कि उन्हें विभाग की ओर से मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना के अंतर्गत काली मसूर की दाल बिक्री के लिए दी गई। इस दौरान दाल का बाजार भाव सस्ता हो गया। उन्हें विवश होकर सस्ते मूल्य पर दाल की बिक्री करनी पड़ी। इससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है।
खाद्य मंत्री रेखा आर्य ने इस मामले में को गंभीरता से लेते हुए खाद्य सचिव को परीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना के अंतर्गत चने की दाल का वितरण करना था। किन परिस्थितियों में मसूर की दाल का वितरण किया गया। इसका परीक्षण किया जाएगा। इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल ने राज्य खाद्य योजना के अंतर्गत एपीएल राशनकार्डधारकों को 10-10 किलो गेहूं व चावल देने की भी मांग की।
साथ ही हरियाणा और उत्तरप्रदेश की तर्ज पर राशन की दुकानों से अन्य खाद्य सामग्री सरसों की दाल, आटा, साबुन की सस्ती दरों पर बिक्री की अनुमति देने की मांग की गई। उन्होंने बायोमीट्रिक प्रणाली में राशनकार्डधारकों के फिंगर प्रिंट नहीं मिलने की स्थिति में इससे छूट देने की पैरवी भी की। प्रतिनिधिमंडल में संजय शर्मा, दिनेश चौहान, आनंद खंड़का, राममूर्ति गुप्ता, रवि शर्मा, संजय गुप्ता शामिल थे।