वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को सरकारी बैंक प्रमुखों, मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के साथ समीक्षा बैठक करेंगी। बैठक में कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने के लिए किए जा रहे प्रयासों और बैंकों से कर्ज उठाव पर चर्चा संभव है। दरअसल, यह बैठक 11 मई को होनी थी लेकिन प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा के चलते इसे आगे बढ़ाना पड़ा।
सूत्रों के मुताबिक बैठक वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये की जाएगी। बैठक में बैंकों से जिन लोगों ने कर्ज लिया है उन्हें ब्याज दर का लाभ मिल रहा है या नहीं और कर्ज किस्तों पर लगाई गई रोक के मामले में क्या प्रगति हुई है इसे लेकर चर्चा होगी।
मालूम हो कि रिजर्व बैंक ने 27 मार्च को प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.75 प्रतिशत घटा दिया था। केन्द्रीय बैंक ने इसके साथ ही कर्जदारों को राहत पहुंचाने के लिये तीन माह तक उनके द्वारा कर्ज की किस्त और ब्याज चुकाने पर रोक लगा दी थी। यह राहत कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान लोगों को हुए आय नुकसान को देखते हुए दी गई। सरकार की ओर से 20 लाख करोड़ रुपये के राहत की घोषणा को देखते हुए यह बैठक अपने आप में काफी अहम है।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ANI के साथ एक साक्षात्कार में बुधवार को कहा कि लॉकडाउन के बाद घोषित पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत सरकार ने कैश ट्रांसफर के जरिए लोगों को मदद उपलब्ध करायी थी। उन्होंने कहा, ‘बिजनेसेज को कारोबार शुरू करने के लिए प्रोत्साहन पैकेज देना जरूरी था। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद घोषित पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत सरकार ने कैश ट्रांसफर के जरिए लोगों को मदद उपलब्ध करायी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई, 2020 को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का एलान किया था। वित्त मंत्री ने कहा कि इस बार आर्थिक पैकेज तैयार करते समय सरकार ने उद्योगों को बैंकों के जरिए सहायता उपलब्ध कराने का निर्णय किया।