राजभवन में राजप्रज्ञेश्वर महादेव शिवलिंग की स्थापना की गई। इस दौरान राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने पत्नी गुरमीत कौर के साथ शिवलिंग की प्राणप्रतिष्ठा की और उत्तराखंड की खुशहाली की कामना की।
मंगलवार को राजभवन के परिसर में शास्त्रीय विधि से प्राणप्रतिष्ठा, पूजन और अभिषेक किया गया। जिसके बाद नर्मदा नदी से प्रकट हुए शिवलिंग की वैदिक मंत्रोचारण के साथ विधि-विधान से प्राण प्रतिष्ठा की गई
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि राजभवन प्रांगण में शिवलिंग को स्थापित करने का उद्देश्य उत्तराखंड और उत्तराखंडवासियों के लिए शांति, समृद्धि और विकास के लिए कामना करना है। उत्तराखंड देवभूमि है और यहां कण-कण में ईश्वर का वास है।
राज्यपाल ने कहा कि यह शिवलिंग हरिद्वार स्थित देव संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित प्रज्ञेश्वर शिवलिंग के साथ मिले नौ शिवलिंग में से एक है
कहा कि नर्मदा नदी में प्रज्ञेश्वर महादेव के साथ नौ अन्य शिवलिंग एक साथ मिले थे, जिन्हें पहले देव संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में रखा गया था। इन नौ शिवलिंग में से एक शिवलिंग अमेरिका के कैलिफोर्निया और एक ह्यूस्टन में स्थापित किया जा चुका है। जबकि तीसरे शिवलिंग की प्राणप्रतिष्ठा आज राजभवन में की गई है।
उन्होंने कहा कि राजभवन में महादेव की स्थापना एक अत्यंत भावुक क्षण है, जिसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। राज्यपाल ने कहा कि हमारे देश की सबसे बड़ी विशेषता समरसता है। यहा हर धर्म, सभ्यता और संस्कृति की विशिष्ट पहचान है और सब मिलकर रहते हैं। उन्होंने कहा कि हम सब एक हैं और हमारे राष्ट्र के समक्ष विश्वगुरु के रूप एक बड़ी जिम्मेदारी है।
देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति डाक्टर चिन्मय पण्ड्या एवं आचार्यों ने वैदिक विधि विधान से शिव प्राण प्रतिष्ठा, पूजन अर्चन सम्पन्न कराया। राज्यपाल ने सभी आचार्यों का आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया