जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के अवंतीपोरा में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच सुबह मुठभेड़ शुरू हुुुई है। इस मुठभेड़ में अब तक एक आतंकी मारा गया है। उसके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद हुए हैं।
जानकारी हो कि भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ कर दो जवानों को शहीद करने वाले आतंकियों की तलाश में सातवें दिन भी तलाशी अभियान जारी था, दब्बड़ के निवासियों ने सुरक्षाबलों को सूचित किया कि उन्होंने तीन संदिग्ध लोगों को साथ सटे जंगलों में देखा सूचना मिलते ही सेना, सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों ने इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया था।
मंगलवार सुबह आतंकी से मुठभेड़ की सूचना मिली है। इस मुठभेड़ में अब तक एक आतंकी मारा गया है। उसके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद हुए हैं। तलाशी अभियान में 400 से अधिक जवान जुटे थे।
सुरक्षाबलों का कहना है कि नियंत्रण रेखा पार कर भारतीय सीमा में प्रवेश कर आए इन आतंकवादियों की संख्या तीन से चार के करीब है। उनकी तलाश के लिए खोजी कुत्तों से लेकर ड्रोन तक का भी इस्तेमाल हो रहा था। दल में शामिल जवान मुठभेड़ स्थल से जुड़ने वाले रूट व इलाकों को खंगाल रहे थे। बारिश भी तलाशी अभियान में बाधा नहीं बन पाई। जवानों का यही लक्ष्य था कि उनके साथियों को शहीद करने वाले आतंकियों को जल्द से जल्द ढूंढ उन्हें उनके अंजाम तक पहुंचाया जाए।
वहीं एडिशनल एसपी गुलजारी लाल ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि कुछ लोगाें ने तीन संदिग्ध लोगों को नौशहरा के काला दब्बड़ इलाके में देखा था। जिसके बाद ये तलाशी अभियान चलाया गया था। उन्होंने दावा किया था कि जल्द ही आतंकवादियों का पता लगा लिया जाएगा। उन्होंने आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को भी इस बारे में सतर्क कर दिया था।
यही नहीं संदिग्धों के दिखने पर तुरंत नजदीक पुलिस स्टेशन में सूचना देने को कहा गया था। सनद रहे कि गत एक जनवरी मध्य रात्रि दब्बड़ खेड़ी में आतंकियों के होने की जानकारी मिली थी। उसी के बाद तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया था। इस दौरान आतंकियों से हुई मुठभेड़ में सेना के दो जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद आतंकी भाग गए थे । इन सात दिनों से जवान नौशहरा के दब्बड़, पोठा, दराट, खेड़ी, मंगलदेही, बगनोटी व लंबेड़ी आदि इलाकों को खंगाल चुके थे। परंतु आतंकियों का कोई सुराग नहीं लग पाया था।
कालाकोट के जंगलों में गत शनिवार दोपहर आतंकवादियों द्वारा सेटेलाइट फोन इस्तेमाल करने के बाद दल ने बरो, सड्डा, दरकेरी, खड़ाडियां, चक्कली, डगेयान व धर्मसाल में भी तलाशी अभियान छेड़ा था। सैन्य सूत्रों का कहना था कि आतंकवादी इस क्षेत्र से अंजान थे और उनके पास कोई गाइड भी नहीं था। वहीं सेना व पुलिस के उच्च अधिकारी भी अभियान पर अपनी नजर रखे हुए थे।