अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के घटनाक्रम पर उनकी करीबी नजर है और अगर जरूरी हुआ तो वह मदद करने के लिए तैयार हैं। लेकिन ट्रंप ने यह साफ नहीं किया कि वह किस तरह मदद करेंगे।
कर सकते हैं तो निश्चित तौर पर करेंगे मदद: ट्रंप
दावोस में विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक से इतर ट्रंप की पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात हुई। मुलाकात से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘व्यापार बहुत-बहुत ज्यादा अहम होने जा रहा है.. और हम लोग कुछ सीमाओं पर भी साथ काम कर रहे हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच जो चल रहा है उसके संदर्भ में हम कश्मीर के बारे में भी बात करेंगे। अगर हम मदद कर सकते हैं तो निश्चित तौर पर मदद करेंगे।’
वहीं, इमरान खान ने कहा, ‘निश्चित तौर पर मुख्य मुद्दा अफगानिस्तान है क्योंकि यह अमेरिका और पाकिस्तान दोनों की चिंता का विषय है। हम दोनों ही वहां शांति और तालिबान व सरकार से वार्ता के जरिये सुचारू परिवर्तन चाहते हैं।’
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प से जब पूछा गया कि क्या वह आने वाले समय में पाकिस्तान दौरे पर जाएंगे तो उन्होंने सवाल को सीधे तौर पर टाल दिया और कहा कि अभी तो हम (वह और इमरान खान) साथ-साथ बैठे हुए हैं।
ट्रंप पहले भी दे चुके हैं ऐसा बयान
मालूम हो कि पिछले साल अगस्त में भी डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अगर भारत चाहेगा तो वह कश्मीर मामले में मध्यस्थता करने को तैयार हैं। हालांकि भारत के कड़े प्रतिवाद के बाद उन्होंने कहा था कि इस मामले को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय स्तर पर सुलझाना चाहिए।
गौरतलब है कि दोनों नेताओं की यह मुलाकात ऐसे वक्त हुई है जब ईरान और अमेरिका के बीच तनाव चरम पर है और इमरान कश्मीर मुद्दे पर वैश्विक स्तर पर सहयोग प्राप्त करना चाहते हैं। इसके पहले दोनों नेताओं के बीच पिछले साल सितंबर में भी संयुक्त राष्ट्र महासभा में मुलाकात हुई थी।