शिवसेना के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अंडरवर्ल्ड डॉन हाजी मस्तान और करीम लाला से मिलने वाले बयान पर सफाई दी है। भाजपा भी अब इस विवाद में कूद पड़ी है। संजय राउत ने कहा कि उन्होंने गांधी परिवार का हमेशा सम्मान किया है। पठान समुदाय के नेता होने के नाते करीम लाला से मिलने के लिए कई राजनीतिक लोग आते थे। वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि इंदिरा गांधी करीम लाला से क्यों मिलती थी, क्या अंडरवर्ल्ड के सहारे जीतती थी कांग्रेस? कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को इस बात का जवाब लोगों को देना चाहिए। ये वे अपराधी थे, जिन्होंने मुंबई में कई हमलों को अंजाम दिया। इसलिए मुझे लगता है कि इससे ज्यादा बदनाम करने वाली बात कोई नहीं हो सकती है, कांग्रेस को जल्द से जल्द स्पष्ट करना चाहिए।
बयान पर विवाद सफाई देते हुए संजय राउत ने कहा, ‘देखिए, मैंने इंदिरा गांधी, पंडित नेहरू, राजीव गांधी और गांधी परिवार के प्रति जो सम्मान दिखाया है, वो विपक्ष में होने के बावजूद किसी ने नहीं किया है। जब भी लोगों ने इंदिरा गांधी पर निशाना साधा है, मैं उनके लिए खड़ा हुआ हूं। वहीं, जहां तक करीम लाला की बात है, तो उनसे मिलने के लिए अलग-अलग पार्टियों के कई राजनीतिक लोग आते थे। वह पठान समुदाय के नेता थे, वह अफगानिस्तान से आए थे। इसलिए, लोग पठान समुदाय की समस्याओं के बारे में उनसे मिलते थे। इसमें कोई परेशानी नहीं।’
इधर, महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा और संजय निरूपम ने शिवसेना नेता से अपना बयान वापस लेने की मांग की है। बता दें कि 1960 से 1980 के बीच करीम लाला मुंबई के अंडरवर्ल्ड का एक बड़ा नाम हुआ करता था। वह कच्ची शराब की भट्ठियां और जुए के अड्डे चलवाता था। संजय राउत इसी डॉन से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के उसके इलाके में जाकर मिलने का खुलासा कर रहे थे।
बता दें कि संजय राउत ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में कार्यकारी संपादक बनने से पहले मुंबई के ही एक मराठी दैनिक में क्राइम रिपोर्टर रह चुके हैं। पिछले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना के नेतृत्व में बनी महराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार के गठन में राउत की भूमिका महत्त्वपूर्ण रही है। इस समय महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार है।
गौरतलब है कि पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में साक्षात्कार देते हुए संजय राउत ने मुंबई के अंडरवर्ल्ड की यादें ताजा कर दीं। उन्होंने बताया कि मुंबई का अंडरवर्ल्ड एक समय शिकागो के अंडरवर्ल्ड से भी ज्यादा खतरनाक हुआ करता था। आज के अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील और शरद शेट्टी जैसे डॉन की मुंबई एवं उसके आसपास के क्षेत्रों पर अच्छी पकड़ हुआ करती थी। मुंबई में तक अंडरवर्ल्ड का इतना प्रभाव था कि यहीं से तय होता था कि मुंबई का पुलिस आयुक्त कौन होगा? वहीं, डॉन हाजी मस्तान जब मंत्रालय जाता था, तो उसे देखने के लिए पूरा मंत्रालय नीचे उतर आता था। यहां तक कि खुद इंदिरा गांधी भी तब के अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला से मिलने उसके इलाके पायधुनी में जाया करती थीं।