चारों दोषियों अक्षय, विनय, मुकेश और पवन को फांसी के लिए डेथ वारंट जारी करने संबंधी याचिका पर बुधवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई। निर्भया के माता-पिता के वकील ने अपनी याचिका में कोर्ट से जल्द डेथ वारंट जारी करने की मांग की, अब इस पर 7 जनवरी को सुनवाई होगी।
वहीं कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश जारी किया है, जिसमें तिहाड़ जेल अधिकारियों से कहा है कि वे दोषियों को दया याचिका दायर करने के लिए नए सिरे से नोटिस जारी करें। इसमें वह पूछे कि क्या वे दया याचिका दायर करेंगे?
तिहाड़ जेल में बंद चारों दोषी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (Additional Sessions Judge) सतीश कुमार अरोड़ा की कोर्ट में पेश हुए हैं।
बता दें कि 13 दिसंबर को निर्भया के दोषियों के डेथ वारंट से जुड़ी याचिका पर सुनवाई बुधवार तक टाल दी थी। इसके पीछे यह तर्क दिया गया था कि एक दोषी अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
गौरतलब है कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में डेथ वारंट से जुड़ी याचिका निर्भया के माता-पिता ने दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि फांसी की सजा पाए चारों दोषियों अक्षय, विनय, पवन और मुकेश को फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी किया जाए।
13 दिसंबर को दिल्ली की पटियाला हाउस में हुई सुनवाई के बाद निर्भया की मां ने कहा था- ‘जब हम 7 साल से इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे हैं तो हम एक सप्ताह और इंतजार कर सकते हैं।’
दोषियों के वकील को लगी थी फटकार
पिछले सुनवाई के दौरान दोषियों के वकील एपी सिंह को पटियाला हाउस कोर्ट ने कड़ी फटकार भी लगाई थी। दरअसल, डेथ वारंट पर सुनवाई के समय एपी सिंह के तर्कों पर कोर्ट ने कहा था- ‘सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका लंबित है। आप कोर्ट में पेश नहीं होते, इसलिए देरी हो रही है।’ साथ ही कोर्ट ने कहा था- ‘जब तक फैसला नहीं आ जाता तब तक हम सुनवाई टाल रहे हैं।’
इस सुनवाई में जब सरकारी वकील राजीव मोहन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद फांसी की समयसीमा तय होनी चाहिए तो इस पर दोषियों के वकील ने कहा कि हमारे पास और भी कई कानूनी विकल्प हैं।