मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा- सरकार सभी के लिए खाद्यान्न, औषधि व अन्य चीजों की आपूर्ति करेगी और किसी को भूखा नहीं सोने देगी

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्पष्ट किया है कि लॉकडाउन का मतलब पूर्ण बंदी नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी के लिए खाद्यान्न, औषधि व अन्य चीजों की आपूर्ति करेगी और किसी को भूखा नहीं सोने देगी। जनता को स्थिति की गंभीरता को समझते हुए सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर रखना होगा। उन्होंने कहा कि वह सबसे हाथ जोड़कर विनती करते हैं कि लोग स्थिति समझते हुए घरों में रहें।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फेसबुक लाइव के माध्यम से प्रदेश की जनता के साथ संवाद करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि बुधवार को जैसे भीड़ लगाई गई वह उचित नहीं है। ऐसा ही रहा तो फिर सबका भगवान ही मालिक है। लोगों को स्थिति की गंभीरता को समझना होगा। यह समझना होगा कि यदि वह किसी कोराना वायरस संक्रमित व्यक्ति से छू जाते हैं तो वे भी वायरस की चपेट में आ जाएंगे। यह बहुत तेजी से फैलता है।

उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश के बाहर से बहुत लोग आ रहे हैं। हो सकता है वे यातायात के ऐसे साधन से आए हों जिसमें कोरोना पीड़ित भी सफर कर रहा था। ऐसे में उसके विषाणु उस पर भी आ सकते हैं। बाहर से आने वालों से घर वाले डरें नहीं बल्कि सतर्कता बरतें। उन्हें दो सप्ताह तक क्वारंटाइन में रखें। उन्होंने कहा कि सावधानी व सुरक्षा ही इसका बचाव है। यह सतर्कता इस बीमारी का मुफ्त इलाज भी है। हमें समझना होगा कि कोरोना दूरी बनाने से ही दूर होगा।

जिलाधिकारियों को तीस करोड़ जारी

लॉकडाउन के चलते असंगठित क्षेत्र के बेरोजगार हो गए मजदूरों और आम लोगों को अब तुरंत मदद मिल सकेगी। कैबिनेट के बीते रोज फैसले के मुताबिक सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को 30 करोड़ की धनराशि जारी कर दी है। यह राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से दी गई है। शासन ने जिलाधिकारियों को असंगठित क्षेत्रों के ऐसे लोगों को चिह्नित करने के निर्देश भी दिए हैं।

कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर लॉकडाउन के असर को देखते हुए सरकार पंजीकृत श्रमिकों को एक-एक हजार रुपये उनके बैंक खातों में भेज रही है। राज्य में निर्माण कार्यों समेत विभिन्न कार्यों में असंगठित क्षेत्रों में बड़ी तादाद में श्रमिक कार्यरत हैं। इनके सामने बेरोजगारी की समस्या खड़ी हो गई।

इन श्रमिकों के खाने की दिक्कत दूर करने के लिए मंत्रिमंडल ने बीते रोज देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंहनगर के जिलाधिकारियों को तीन-तीन करोड़ रुपये और शेष नौ जिलों के जिलाधिकारियों को दो-दो करोड़ रुपये देने का निर्णय लिया था।

सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा ने सभी जिलाधिकारियों को उक्त् धनराशि जारी कर दी है। इस धनराशि से चिह्नित किए गए अपंजीकृत श्रमिकों को खाद्य सामग्री किट उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार के इस कदम से राशनकार्ड से वंचित अपंजीकृत श्रमिकों को पेश आ रही दिक्कत दूर होगी।

30 जून तक दाखिल कर सकेंगे वैट रिटर्न

सरकार ने वैट रिटर्न दाखिल करने के लिए कारोबारियों को राहत दी है। ऐसे कारोबारियों को वर्ष 2016-17 के लिए कर निर्धारण की अंतिम तारीख बढ़ाकर 30 जून कर दी गई है। वैट अधिनियम-2005 के तहत कारोबारियों को यह राहत देने का निर्णय लिया गया है। वित्त सचिव अमित नेगी ने इस संबंध में बुधवार को आदेश जारी किए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.