मुख्यमंत्री ने नोएडा में महाकौथिग में लिया हिस्सा,कहा 2025 में उत्तराखंड में लागू होगी समान नागरिक संहिता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है जो समान नागरिक संहिता कानून को बनाकर जनवरी 2025 में इसे लागू करने की दिशा में कदम उठाने जा रहा है। इस कानून का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए एक समान कानूनी ढांचा प्रदान करना है जो उनके धर्म लिंग और यौन अभिरुचि की परवाह किए बिना समान रूप से लागू होगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड समान नागरिक संहिता कानून को बना कर इसे लागू करने की दिशा में कदम उठाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। अब जनवरी 2025 में इसे लागू किया जा रहा है। समान नागरिक संहिता की गंगा उत्तराखंड से निकलकर पूरे देश को लाभान्वित करने का कार्य करेगी।
मंगलवार को मुख्यमंत्री धामी ने नोएडा के गौतम बुद्ध नगर स्टेडियम में पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था द्वारा आयोजित पांच दिवसीय महाकौथिग पारंपरिक लोक कला, संस्कृति एवं हस्तशिल्प मेले में हिस्सा लिया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के युवाओं के व्यापक हित में देश का सबसे प्रभावी नकल विरोधी कानून लागू किया है। प्रदेश के सांस्कृतिक मूल्यों और जनसांख्यकीय बदलाव को संरक्षित करने के लिए लव जिहाद, लैंड जिहाद और थूक जिहाद की घृणित मानसिकता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही मतांतरण विरोधी और दंगा विरोधी कानून भी लागू किए गए हैं। प्रदेश में भूमि खरीदने वाले व्यक्तियों की गहनता से जांच की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति अपने आप में अद्वितीय और गौरवशाली है। हमारे राज्य की प्रत्येक क्षेत्र में विशिष्ट पहचान है। इस प्रकार के आयोजनों से हमें अपनी लोक कलाओं, पारंपरिक वेशभूषा, हस्तशिल्प और कारीगरी का अनूठा संगम देखने को मिलता है। हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है। चाहते हम जीवन में किसी भी स्तर पर पहुंचे या दुनिया के किसी भी कोने में जाएं, हमारी पहली पहचान उत्तराखंडवासी होना है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड निवास, नई दिल्ली में स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी के जन्मदिवस पर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पृथक राज्य के लिए स्व बडोनी का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड के गांधी के नाम से विख्यात स्व बडोनी 1994 में राज्य आंदोलन के सूत्रधार रहे। पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिए उनकी संकल्पना एवं राज्य निर्माण के संघर्ष में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। राज्य आंदोलन में सक्रिय सहयोग के लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा।

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