प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश को चार बड़ी परियोजनाओं की सौगात दी। हिमाचल सरकार के चार साल पूरे होने पर मंडी में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। पीएम मोदी पौने एक बजे मंच पर पहुंचे। मंच से हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। मंच पर मात्र सात लोग मौजूद रहे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंच पर दोबारा पीएम मोदी का स्वागत किया। स्मृति चिन्ह के रूप में त्रिशूल भेंट किया। त्रिशूल में डमरू भी लगा है।
पीएम मोदी सुबह कांगणीधार हेलीपैड पर सेना के हेलीकाप्टर से पहुंचे। पीएम मोदी का दोपहर डेढ़ बजे तक मंडी में रुकने का कार्यक्रम है। पीएम को सुनने के लिए लोगों में भारी उत्साह है, धूप खिलने के साथ-साथ पंडाल पूरी तरह से भर गया। प्रधानमंत्री के साथ मंच पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर, प्रदेश से लोकसभा व राज्यसभा के सदस्य, केंद्रीय मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल मौजूद रहे। प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार विदेश में हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कार्यक्रम में नहीं आए।
पीएम मोदी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का भी आगाज किया। इस दौरान उन्होंने चार इन्वेस्टर्स के साथ संवाद भी किया। इसके अलावा सरकार की चार साल की उपलब्धियों की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। पीएम मोदी के स्वागत में दो सौ बजंतरियों ने एक साथ पारंपरकि वाद्य यंत्र से स्वागत धुन बजाई।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली में भाग लेने के लिए रामपुर से पहुंचे समर्थक।
प्रधानमंत्री प्रदेश के लिए 11,281 करोड़ रुपये लागत की विभिन्न विकासात्मक परियोजनाएं समर्पित की। प्रधानमंत्री जिला शिमला में पब्बर नदी पर 2081.60 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 111 मेगावाट क्षमता की सावड़ा-कुड्डू जल विद्युत परियोजना को प्रदेशवासियों को समर्पित की। यह जल विद्युत परियोजना प्रतिवर्ष 386 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन करेगी, जिससे प्रदेश को 120 करोड़ रुपये वार्षिक आय होगी।
प्रधानमंत्री सिरमौर जिले की गिरी नदी पर लगभग 6700 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली रेणुकाजी बांध परियोजना की भी आधारशिला रखी। इस परियोजना के निर्माण से 40 मेगावाट क्षमता के विद्युत गृह में वार्षिक 200 मिलियन यूनिट ऊर्जा का उत्पादन होगा, जिसका उपयोग प्रदेश द्वारा किया जाएगा। इस बांध की भंडारण क्षमता 498 मिलियन क्यूबिक मीटर होगी जिससे दिल्ली में पेयजल की 40 प्रतिशत आवश्यकता पूर्ण होगी।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री 66 मेगावाट क्षमता की धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना की भी आधारशिला रखी। हमीरपुर तथा कांगड़ा जिले में ब्यास नदी पर बनने वाली इस परियोजना की कुल लागत 688 करोड़ रुपये है।
प्रधानमंत्री भारत सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार के संयुक्त उपक्रम 210 मेगावाट क्षमता की लूहरी जल विद्युत परियोजना स्टेज-1 की भी आधारशिला रखी। यह परियोजना शिमला व कुल्लू जिले में स्थित है। इस परियोजना के माध्यम से ग्रिड स्थिरता के साथ-साथ विद्युत आपूर्ति में भी सुधार होगा। धौलासिद्ध विद्युत परियोजना से वातावरण से प्रतिवर्ष 2.4 लाख टन कार्बनडाइआक्साइड और लूहरी जल विद्युत परियोजना से वातावरण से प्रतिवर्ष 6.1 लाख टन कार्बनडाइआक्साइड कम होगी।